भोपाल।दिल्ली में शहीदों को याद करने के लिए इंडिया गेट बनाया गया है, लेकिन वो अंग्रेजों की मानसिकता का प्रतीक है. शहीद दिवस पर राजधानी भोपाल में पहुंचे शहीदों के परिजनों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है की इंडिया गेट की तरह ही राजधानी भोपाल में भी शहीदों का बड़ा स्मारक बने, जिसे भारत द्वार का नाम दिया जाए (Construction of Bharat Dwar in Bhopal). इनका तर्क है की जो लोग साउथ, पश्चिम और पूर्व में निवास करते हैं उनके लिए दिल्ली दूर है, लेकिन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल मध्य में है, इसलिए यह चाहते हैं कि भोपाल में भारत द्वार बनाया जाए.
इंडिया गेट अंग्रेजों की निशानी: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ शहीदों के परिजनों ने पौधारोपण किया. उन्होंने सीएम से यह मांग भी कर डाली की शहीदों की याद में यहां भी एक बड़ा स्मारक बने जिसे भारत द्वार का नाम दिया जाए. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मुलाकात करने के बाद परिजनों का कहना है कि ''मुख्यमंत्री संवेदनशील हैं और वे इस मांग को स्वीकार करेंगे''. उन्होंने कहा कि ''इंडिया गेट से भी बड़ा स्मारक शहीदों की स्मृति में भारत द्वार के नाम से भोपाल में बने. इंडिया गेट अंग्रेजों की निशानी है''.
भोपाल में बना है शौर्य स्मारक:भोपाल में शौर्य स्मारक जिसे The War Memorial कहा जाता है, भोपाल के केंद्र में अरेरा पहाड़ी पर स्थित है. भारत के अमर शहीदों की युद्ध व शौर्य गाथाओं की आम जनता को याद कराने के लिए भारत के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अक्टूबर 2016 को देश को समर्पित किया था. पर्यटन की दृष्टि से यह भोपाल का ही नहीं बल्कि भारत का एक महत्वपूर्ण स्थल बन गया है.