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अगर आपका नाम नीरज या वंदना है तो यह खबर आपके लिए है, जरूर पढ़ें

हरिद्वार की उषा ब्रेको लिमिटेड ने नीरज और वंदना नाम के लोगों के लिए अनोखा ऑफर शुरू किया है. इन नामों के लोग 11 अगस्त से 22 अगस्त तक हरिद्वार के नील पर्वत पर स्थित सिद्ध पीठ मां चंदी देवी रोपवे में फ्री में यात्रा कर सकते हैं. आगे पढ़िए क्या है ये फ्री ऑफर.

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Published : Aug 10, 2021, 7:51 PM IST

हरिद्वार : नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में टोक्यो ओलंपिक में भारत को गोल्ड मेडल क्या दिलाया उनके नाम के लोगों की भी चांदी हो गई. हरिद्वार की उषा ब्रेको लिमिटेड ने नीरज नाम के लोगों के लिए एक शानदार ऑफर शुरू किया है. नीरज नाम के लोग हरिद्वार के नील पर्वत पर स्थित सिद्ध पीठ मां चंदी देवी रोपवे में फ्री में यात्रा कर सकते हैं.

वहीं वंदना नाम की लड़कियां और महिलाओं के लिए भी ऐसा ही ऑफर उषा ब्रेको लिमिटेड ने दिया है. वंदना नाम की लड़कियां और महिलाएं भी हरिद्वार के नील पर्वत पर स्थित सिद्ध पीठ मां चंदी देवी रोपवे में फ्री में यात्रा कर सकती हैं.

कंपनी ने जो ऑफर पेश किया है उसके अनुसार नीरज और वंदना नाम के लोग जो सिद्ध पीठ मां चंदी देवी के दर्शन रोपवे में बैठकर फ्री में करना चाहते हैं, उन्हें छोटा सा काम करना होगा. कंपनी को अपना आधार कार्ड दिखाना होगा. इस आधार कार्ड में लड़कों या आदमियों का नाम नीरज होना चाहिए. लड़कियों या महिलाओं का नाम वंदना होना चाहिए. अगर आधार कार्ड में ये नाम हुए तो आपको बिल्कुल फ्री में रोपवे से यात्रा कराकर मां चंडी देवी के दरबार पहुंचाया जाएगा.

दरअसल नीरज चोपड़ा और वंदना कटारिया ने ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन किया है. नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक की भाला फेंक प्रतियोगिता में भारत को गोल्ड मेडल दिलाया.

उधर वंदना कटारिया की हॉकी टीम भारत के लिए कोई पदक तो नहीं ला पाई, लेकिन महिला हॉकी टीम ने ओलंपिक में अपने प्रदर्शन से देशवासियों का दिल जीत लिया. वंदना ने टोक्यो ओलंपिक में गोलों की हैट्रिक समेत पूरे ओलंपिक में भारत की ओर से सर्वाधिक 4 गोल किए थे.

हरिद्वार की उषा ब्रेको लिमिटेड भी इन चैंपियंस की लोकप्रियता को भुनाना चाहती है. इसके लिए वो ये आकर्षक ऑफर लाई है.

52 शक्तिपीठों में है चंडी देवी मंदिर

चंडी देवी मंदिर उत्तराखंड के पवित्र शहर हरिद्वार में स्थित है. ये मंदिर चंडी देवी को समर्पित है. यह मंदिर हिमालय की दक्षिणी पर्वत श्रृंखला की पहाड़ियों के पूर्वी शिखर पर मौजूद नील पर्वत के ऊपर स्थित है. यह मंदिर भारत में स्थित प्राचीन मंदिरों में से एक है. चंडी देवी मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है. चंडी देवी मंदिर का निर्माण 1929 में कश्मीर के राजा सुचात सिंह ने करवाया था. मंदिर में स्थित चंडी देवी की मुख्य मूर्ति की स्थापना 8वीं शताब्दी में आदि गुरु शंकराचार्य ने की थी.

चंडी देवी मंदिर को भक्तों द्वारा सिद्धपीठ के रूप में माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि यहां सभी की मनोकामना पूर्ण होती है. यह हरिद्वार में स्थित तीन पीठों में से एक है. दूसरा पीठ मनसा देवी मंदिर है. तीसरा पीठ माया देवी मंदिर है.

कहा जाता है कि मनसा और चंडी देवी माता, पार्वती के दो स्वरूप हैं, जो गंगा के तटों के सामने मौजूद हैं. ये मान्यता हरियाणा के पंचुला में स्थित माता मनसा देवी के मंदिर के लिए भी मान्य है.

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