लखनऊ : महाठग संजय राय शेरपुरिया की गिरफ्तारी के बाद जांच में जुटी एसटीएफ और पुलिस के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे है. जांच में पता चला है कि, शेरपुरिया व्यापारियों, नेताओं और बिल्डरों से डील करने के लिए दो बिचौलिया रखे हुए था. यही बिचौलिए शिकार को शेरपुरिया का भौकाल दिखा कर फंसाते थे और फिर उनकी काम की डील करवाते थे. हालांकि शेरपुरिया की गिरफ्तारी के बाद ही दोनों संदिग्ध बिचौलिए फरार बताए जा रहे हैं. पुलिस को पता चला है कि शेरपुरिया बेरोजगार युवकों को भी ठग चुका है. इसके लिए उसने स्वरोजगार योजना से जोड़ने के नाम पर करीब 30 हजार नौजवानों से पैसे वसूले हैं.
महाठग शेरपुरिया 30 हजार बेरोजगार युवाओं से भी कर चुका है ठगी, दो बिचौलियों के जरिए कराता था डील - लखनऊ पुलिस ने किया शेरपुरिया को गिरफ्तार
महाठग संजय राय शेरपुरिया की गिरफ्तारी के बाद कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं. शेरपुरिया ने व्यापारियों, नेताओं और बिल्डरों से ठगी करने के अलावा करीब 30 हजार बेरोजगार युवकों से भी ठगी की है. डील के लिए वह दो बिचौलियों की मदद लेता था. पुलिस के अनुसार दोनों बिचौलिए फिलहाल फरार हैं. उनकी तलाश की जा रही है.
बीते मंगलवार को राजधानी के विभूतिखंड से गिरफ्तार किए गए गाजीपुर निवासी संजय राय शेरपुरिया से जुड़े कई राज अब धीरे धीरे सामने आ रहे हैं. इसके अलावा उससे जुड़े लोगों के भी नाम उजागर हुए हैं. एसटीएफ को दो ऐसे बिचौलियों का पता चला है, जो शेरपुरिया के इशारे पर पैसे वाले शिकार को फंसाते थे और फिर उनका काम करवाने की एवज में मोटी रकम की डील करते थे. ये बिचौलिए पहले शिकार से डील फाइनल करते थे और फिर वे शेरपुरिया से उनकी मुलाकात कराते थे. एसटीएफ अब इस पर भी जांच कर रही है कि क्या दिल्ली के व्यापारी गौरव डालमिया से छह करोड़ की डील, इन्हीं बिचौलियों ने करवाई थी. हालांकि संजय शेरपुरिया की गिरफ्तारी के बाद से ही ये दोनों बिचौलिया गायब हो गए हैं जिनकी तलाश की जा रही है.
बेरोजगारों को भी निशाना बना चुका है शेरपुरिया
विभूतिखंड पुलिस को जांच के दौरान पता चला है कि शेरपुरिया ने बेरोजगारी नौजवानों को भी खूब ठगा है. शेर पुरिया ने स्वरोजगार योजना के नामों पर करीब 30 हजार बेरोजगार नौजवानों को ठगा है. इनके न सिर्फ यूपी बल्कि कई राज्यों के युवा शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक शेरपुरिया ने यूथ रूरल इंटरप्रन्योर फाउंडेशन के माध्यम से स्वरोजगार योजना की कई कार्यशालाएं चलाई थीं. जिसमें स्वरोजगार संबंधी दावे किए गए. इस दौरान इस कार्यशाला के रजिस्ट्रेशन के लिए नौजवानों से 2200-2200 रुपये लिए गए थे.