सरगुजा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में स्वच्छता की मुहिम छेड़ी. इसके तहत देश को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से सरकार घर-घर शौचालय बनवा रही है. स्वच्छ भारत मिशन के फेज वन में ही ज्यादातर जिले खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित हो चुके हैं. सरगुजा वो जिला है, जो पूरे देश में सबसे पहले ओडीएफ घोषित हुआ. लेकिन सरकारी सिस्टम के लोग इस योजना में भी भ्रष्टाचार का रास्ता निकाल चुके (Fraud in name of construction of toilets in Surguja) हैं.
कहां हो रहा भ्रष्टाचार :यहमामला सरगुजा जिले के अम्बिकापुर जनपद पंचायत के ग्राम खैरबार का है. यहां लोगों के घरों में शौचालय 2015 से ही बने हुये हैं. इसकी पुष्टि खुद ओडीएफ का तमगा भी करता है. स्वच्छ भारत मिशन फेज वन में ही अम्बिकापुर जिला खुले में शौच मुक्त बन गया था. मतलब यहां शत प्रतिशत घरों में शौचालय था. कोई भी खुले में शौच नहीं जाता था. लेकिन इस वर्ष जैसे ही प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन फेज 2 की शुरुआत की तो फेज 2 के काम भी शुरू किए गए.
कैसे हो रहा भ्रष्टाचार:भ्रष्टाचार कैसे किया जा रहा है, ये समझिए. शौचालय 2015 में बना. अब इस शौचालय के सामने रंगरोगन कराया गया. इसे फेस 2 के तहत साल 2021-22 का स्वीकृत दिखाया गया. हितग्राही के खाते में 12 हजार की राशि भी जिले से आबंटन के आधार पर खाते में भेज दी गई. अब गांव के कुछ लोग, जो ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत की मदद से गांव में कथित रूप से ठेकेदारी करते हैं. ऐसे लोग हितग्राहियों पर दबाव बना रहे हैं कि वो खाते में आई 12 हजार की राशि में से 9 हजार रुपए निकालकर उनको दे दें.
भ्रष्टाचार रोकने के लिए हुए थे बदलाव:असल में सरकार ने इसी भ्रष्टाचार को रोकने के लिये केंद्र की कई महत्वपूर्ण योजनाओं को सीधे हितग्राही से लिंक कर दिया है. निर्माण की प्रगति भी जिओ टैगिंग के माध्यम से शासकीय एप्लीकेशन में फीड की जाती है. सरकार ने अपनी तरफ से वो सारी सावधानी बरती, जिससे भ्रष्टाचार ना हो सके. लेकिन यहां तो लोगों ने भ्रष्टाचार का नया फॉर्मूला निकाल लिया है. पुराने शौचालय में पेंटिंग करा कर उसे नव निर्मित बताया जा रह है.