हैदराबाद :उत्तर प्रदेश राजनीतिक दृष्टिकोण से देश का अहम राज्य माना जाता है. सूबे में हो रहे विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चौथा चरण का चुनाव यूपी की दशा और दिशा तय करेगी. बताते चले कि चौथे दौर का चुनाव प्रचार सोमवार शाम को ही समाप्त हो गया था और मतदान आज जारी है. नौ जिलों रोहिलखंड, तराई बेल्ट और अवध क्षेत्र की 59 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग हो रही है. इस चरण में अवध क्षेत्र के जिलों में राज्य की राजधानी लखनऊ और रायबरेली शामिल हैं, जिसे गांधी परिवार की मजबूत पकड़ वाला क्षेत्र माना जाता था. रायबरेली सीट से कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. कांग्रेस ने रायबरेली के सभी पांच निर्वाचन सीटों में अपनी जीत की उम्मीद के साथ उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. यह पहला मौका है जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अकेले दम पर राज्य में कैडर को मजबूत करने में जुटी हुई है. विधान सभा चुनाव 2022 के नतीजे उनका ही नहीं बल्कि पार्टी का भी भविष्य तय करेंगे.
हालांकि चौथे चरण के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल इन सभी ने मतदाताओं से एक दूसरे को निशाना बनाकर समर्थन की जोरदार अपील की थी. हालांकि, इस चरण के लिए चुनावी आख्यान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित किया गया था. हरदोई में एक भाषण में, मोदी ने समाजवादी पार्टी को आतंकवाद से जोड़ा और पूछा कि अहमदाबाद सीरियल धमाकों में आतंकवादियों द्वारा साइकिल का इस्तेमाल क्यों किया गया था. संयोग से, साइकिल, सपा का चुनाव चिन्ह है जो भाजपा के लिए एकमात्र चुनौती बनकर उभरा है.
जेपी नड्डा, योगी आदित्यनाथ और अनुराग ठाकुर जैसे अन्य भाजपा के दिग्गजों ने सपा पर आतंकवादियों को संरक्षण देने, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने और मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने और बेरोजगारी जैसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर नजर रखने के लिए हमेशा की तरह “अब्बा जान, भाईजान” का आरोप लगाकर एक बार फिर जोरदार हमला किया. मुद्रास्फीति. अनुराग ठाकुर एक पुरानी तस्वीर भी लेकर आए, जिसमें अहमदाबाद विस्फोट के एक दोषी के पिता अखिलेश के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं. इसका जवाब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने विरोधियों को तीखा दिया. अखिलेश ने प्रधानमंत्री पर पलटवार करते हुए कहा कि "साइकिल का अपमान देश का अपमान है" देश में लाखों गरीबों का वाहन है साइकिल.
ध्रुवीकरण का धंधा होते हुए भी सबकी निगाहें लखीमपुर-खीरी पर टिकी हैं, जहां केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने कथित तौर पर अपनी एसयूवी से प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचल दिया. आशीष की गिरफ्तारी से जो गुस्सा शांत हुआ वह जमानत पर रिहा होने के बाद फिर से भड़क उठा है. जिला तराई बेल्ट में पड़ता है और गन्ना बेल्ट है जहां किसानों की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण हो सकती है.
राज्य के बरेली मंडल का हिस्सा होने के कारण पीलीभीत रोहिलखंड क्षेत्र में है, जहां दूसरे चरण में अधिकांश जिलों को कवर किया गया था. यह यूपी का प्रमुख गन्ना उत्पादक जिला भी है. इन दो जिलों में गन्ना उत्पादकों को बकाया भुगतान न करने से भाजपा की चुनावी संभावनाएं प्रभावित हो सकती हैं. यही हाल सीतापुर का भी होगा.