पंचकूला/चंडीगढ़ :डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को साध्वी यौन शोषण (Ram rahim Verdict in sadhavi rape case) मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद भड़की हिंसा को चार साल (Four Years Panchkula Violence) पूरे हो गए हैं, लेकिन आज भी लोगों के दिलों में पंचकूला हिंसा के जख्म नहीं भरे हैं. अभी भी आगजनी करवाने वाले कई आरोपी फरार हैं और मुआवजे के लिए लोग इंतजार कर रहे हैं.
पंचकूला हिंसा मामले में सिरसा पुलिस की ओर से अदालत में 900 पेज का चालान पेश किया गया था. पूरे प्रकरण में 69 लोगों को सरकारी गवाह बनाया गया था. इसमें पुलिस के ऑफिसर, कर्मचारी व अन्य लोग शामिल हैं. पंचकूला में भी उक्त आरोपों के तहत ही एफआईआर दर्ज की गई. राम रहीम की सबसे करीबी हनीप्रीत (Honey Preet) को पंचकूला पुलिस ने अरेस्ट कर लिया था.
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हिंसा मामले की साजिश और देशद्रोह मामले में हनीप्रीत सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके करीब चार अन्य FIR में 100 से अधिक आरोपियों के खिलाफ पुलिस जांच में पुख्ता सबूत नहीं होने पर उन पर लगी देशद्रोह की धारा को हटाया गया था.
दंगाइयों ने दर्जनों वाहन जला दिए. इनमें अधिकांश वाहन मीडियाकर्मियों के थे. हिंसा के तत्काल बाद सरकार ने जल्द मुआवजे का भरोसा तो दिया, लेकिन आज तक किसी को मुआवजा राशि नहीं मिल सकी. दंगाइयों ने हिंसा के दौरान सेक्टर-16, एचडीएफसी बैंक को आग के हवाले किया और अग्रवाल भवन में तोड़फोड़ के बाद एंबुलेंस समेत अन्य गाड़ियों को जलाया.