श्रीनगर : सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करते हुए जम्मू और कश्मीर कानून विभाग ने पॉक्सो मामलों के लिए चार विशेष अदालतें स्थापित की गई हैं. 20 मार्च 2019 को यह फैसला लिया गया था. कोरोना महामारी के कारण कोर्ट स्थापित करने में देरी हुई. इनमें दो विशेष अदालतें जम्मू और श्रीनगर, दो विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट रामबन और कुलगाम जिले में स्थापित की गई हैं.
हालांकि, राज्य में पूर्ववर्ती अनुच्छेद 370 और 35ए के निरस्त होने की वजह से इस प्रक्रिया में देरी हुई, लेकिन अंततः सितंबर 2020 में इन्हें स्थापित किया गया. 20 सितंबर 2020 को श्रीनगर के जिला न्यायालय परिसर में पहला विशेष कोर्ट स्थापित किया गया. इसी तरह के कोर्ट जम्मू, कुलगाम और रामबन में भी स्थापित किए गए हैं. जम्मू-कश्मीर कानून विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर ईटीवी भारत को बताया कि अलग कोर्ट स्थापित करने में देरी हुई है, लेकिन मार्च 2019 से ही बच्चों के खिलाफ अपराधों की सुनवाई की जा रही है.
दो दर्जन मामलों की सुनवाई
अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में प्रतिकूल स्थिति के कारण जनता को इन अदालतों के बारे में अधिक जानकारी नहीं मिल सकी है. इसके बावजूद इन अदालतों में लगभग दो दर्जन मामले लंबित हैं. इनमें से दस मामलों की सुनवाई श्रीनगर की एक अदालत में चल रही है. उन्होंने कहा कि हम आपको इन मामलों पर अधिक जानकारी नहीं दे सकते, क्योंकि नाबालिगों की सुरक्षा करना भी हमारी जिम्मेदारी है.
कराई जाती है काउंसलिंग
अधिवक्ता फिजा फिरदौस कहती हैं कि बच्चों के साथ हुए अपराध की सुनवाई विशेष अदालतों में की जाएगी. 9 मार्च 2019 को श्रीनगर में एक विशेष अदालत स्थापित की गई, जहां कोर्ट के भीतर बहुत ही सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण वातावरण में सुनवाई होती है. वहां पहले उनकी काउंसलिंग की जाती है. कोर्ट में वकील और जज भी बहुत सावधान रहते हैं. उन्हें पूरी सुरक्षा और आरामदायक माहौल मुहैया कराया जाता है.