महाराष्ट्र में अहमदनगर की संगमनेर जेल से चार कैदी फरार, पकड़ने के लिए बनीं पुलिस टीमें - अहमदनगर की संगमनेर जेल
महाराष्ट्र के संगमनेर शहर पुलिस स्टेशन के बगल में बनी संगमनेर जेल से चार कैदी भाग निकले. ये सभी कैदी गंभीर धाराओं में आरोपी है. सभी आरोपी जेल की बाड़ तोड़कर भागे, जिन्हें जेल के बाहर एक कार लेने आई थी. पुलिस ने इन सभी को पकड़ने के लिए टीमें तैयार कर ली हैं. Jail Break, Jail Break In Maharashtra.
मुंबई: संगमनेर शहर पुलिस स्टेशन के बगल में स्थित जेल से अलग-अलग गंभीर अपराधों के चार आरोपी जेल की बाड़ तोड़कर भाग निकले, जिसके बाद जेल प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई. यह घटना बुधवार की सुबह करीब 6:30 बजे की है. उपकारागार की बाड़ तोड़ कर कैदियों के भागने के बाद जेल प्रशासन हरकत में आ गया. फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस टीमें अलग-अलग दिशाओं में रवाना की गई.
संगमनेर शहर पुलिस स्टेशन की उप-जेल में कई कैदी वर्तमान में सजा काट रहे हैं. 7 नवंबर की रात रोजाना की तरह तीन पुलिसकर्मी ड्यूटी पर थे. यहां तक कि जब कर्मचारी पहरे में थे, तब भी कैदियों ने जेल प्रांगण की बाड़ को काटकर भाग निकले. इस जेल में सजा काट रहा रोशन थापा दादेल, प्रताड़ना मामले में आरोपी अनिल ढोले, हत्या मामले में राहुल देवीदास काले और मछिंद्र जाधव यहां से भागने में सफल रहे.
आरोपी बड़े ही योजनाबद्ध तरीके से जेल से फरार हो गए. जेल में ज़ोर-ज़ोर शोर-शराबा किया जा रहा था, ताकि पुलिसकर्मी उन्हें नज़रअंदाज़ कर दे. इसी शोर-शराबे में इन चारों ने जेल की बाड़ तोड़ दी. जेल के बाहर एक कार पहले से ही उनका इंतजार कर रही थी. जेल तोड़ने के बाद ये कैदी इसी कार में सवार होकर भाग निकले.
मामले में अपर पुलिस अधीक्षक स्वाति भोर ने कहा कि जेल से कैदी यार्ड काटकर भागे हैं. जांच चल रही है कि क्या कैदियों के पास मोबाइल फोन था और उन्होंने योजना कैसे बनाई. कैदियों की गिरफ्तारी के लिए 5 टीमें रवाना की गई हैं. जेल से कैदियों के भागने से संगमनेर जेल प्रशासन की लापरवाही सामने आई है.
नगर थाने के बगल स्थित जेल से आरोपी के भागने से पुलिस की भूमिका पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है. जानकारी सामने आ रही है कि जेल में बंद आरोपियों के पास एंड्रॉयड मोबाइल था. यह मोबाइल उन्हें किसने दिया और उन्हें ले जाने वाली गाड़ी किसकी थी, पुलिस इसकी जांच कर रही है. पुलिस अधिकारियों ने तुरंत पुलिस टीमें बनाईं और उन्हें नासिक और 3 अन्य जगहों पर भेजा.