नई दिल्ली: कांग्रेस ने मणिपुर में स्थिति से निपटने के तरीकों को लेकर सोमवार को केंद्र पर हमला बोला और आरोप लगाया कि जातीय हिंसा भड़कने के चार महीने बाद मोदी सरकार राज्य को भूल गई है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पिछले चार महीनों में दुनिया ने देखा है कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) सबसे खराब संकट के दौरान मणिपुर में कैसे विफल हुए.
एक्स पर एक पोस्ट में रमेश ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री और उनके ढोल बजाने वाले जी20 के प्रति मगन हैं, जबकि 3 मई को जातीय हिंसा भड़कने के चार महीने बाद, मणिपुर को मोदी सरकार भूल गई है. उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री (एन बीरेन सिंह) ने यह सुनिश्चित किया है कि मणिपुरी समाज आज पहले से कहीं अधिक विभाजित है. रमेश ने कहा, 'केंद्रीय गृह मंत्री (अमित शाह) हिंसा को समाप्त करने और हथियारों और गोला-बारूद की बरामदगी सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं.
इसके बजाय, कई और सशस्त्र समूह संघर्ष में शामिल हो गए हैं. उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री ने मणिपुर का दौरा करने, या सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने, या कोई विश्वसनीय शांति प्रक्रिया शुरू करने से इनकार किया है. कांग्रेस महासचिव ने पूछा, 'क्या उन्होंने कैबिनेट में मणिपुर के अपने सहयोगी से भी मुलाकात की है. ' उन्होंने आरोप लगाया, 'मानवीय त्रासदी के बीच, मणिपुर में संवैधानिक मशीनरी और समुदायों के बीच विश्वास पूरी तरह से टूट गया है.'