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24 घंटे की लगातार सर्जरी में 4 लीवर ट्रांसप्लांट, 52 डॉक्टरों की टीम का कमाल

ऐसा पहली बार हुआ ही दिल्ली में जब 24 घंटे की लगातार सर्जरी में 4 लीवर ट्रांसप्लांट किये गए हो. ऐसा साकेत स्थित मैक्स अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने कर दिखाया है. 52 डॉक्टरों की टीम की मेहनत के कारण ऐसा संभव हो पाया है.

ट्रांसप्लांट
ट्रांसप्लांट

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Published : Feb 12, 2021, 7:56 AM IST

नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली में पहली बार ऑर्गन ट्रांसप्लांट को लेकर दिल्ली के एक अस्पताल ने बड़ी कामयाबी हासिल की है. ऑपरेशन थियेटर में 24 घंटे तक लगातार ऑपरेशन करते हुए 52 डॉक्टर और नर्स-पैरामेडिकल स्टाफ की टीम ने 4 लीवर ट्रांसप्लांट किए हैं. अच्छी बात ये है कि ऑर्गन ट्रांसप्लांट के बाद सभी मरीज स्वस्थ्य और आरक्षित हैं.

24 घंटे में किए लिवर ट्रांसप्लांट

बीते 8 फरवरी की सुबह से लेकर 9 फरवरी तक 24 घंटे साकेत स्थित मैक्स अस्पताल के डॉक्टरों ने लिवर ट्रांसप्लांट किए हैं. अभी तक ऐसा पहली बार है. जब इतने समय में 1 से अधिक प्रत्यारोपण दिल्ली के किसी अस्पताल में हुए हैं. डॉक्टरों के अनुसार, उनके पास लिवर की परेशानी से ग्रस्त 4 मरीज थे, जिनमें से 2 मरीज के तिमारदारों ने ही लीवर दान दिया. जबकि अन्य 2 मरीजों के पास दाता नहीं था. इसलिए उन्हें नगदी की मदद से 2 लीवर मृतक के परिजनों की ओर से अंगदान में प्राप्त हुए.

24 घंटे की लगातार सर्जरी में 4 लीवर किये गए ट्रांसप्लांट

अस्पताल के वरिष्ठ डॉ. राजेश दे ने बताया कि बीते सोमवार को हमारे पास पहले से 2 लीवर प्रत्यारोपण करने की तैयारी थी. इनमें से 1 लीवर कैंसर और दूसरा लिवर हैपेटाइटिस सी के रोगी का था. दोनों के ही परिजनों ने लीवर दान करने का ‌फैसला लिया था, लेकिन इस बीच हमें अचानक पता चला कि दिल्ली निवासी 47 वर्षीय व्यक्ति के अंग उसका परिवार दान करना चाहता है.

दाएं और बाएं हिस्सों को प्रत्यारोपित करने का निर्णय

बीते शनिवार को इन्हें अस्पताल में ही भर्ती किया गया था, लेकिन मस्तिष्क में रक्त की गति रुकने की वजह से यह ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था. चूंकि इस व्यक्ति को पहले से कोई और रोग नहीं था और इसके अंग भी काफी बेहतर स्थिति में थे. इसलिए डॉक्टरों ने दाएं और बाएं दोनों हिस्सों को प्रत्यारोपित करने का निर्णय लिया. फिलहाल चारों ‌ग्राही और दोनों ‌दाता स्वस्थ्य हैं.

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वहीं बीमार मरीज की पत्नी बताती हैं कि उनका पति जिंदगी को एक बोझ समझ रहे थे की अचानक भगवान बन एक शख्स ने लीवर डोनेट कर मेरे पति को नई जिंदगी दे दी. वे तो निराश हो कर बैठे थे कि अचानक ऊपर वाला मनुष्य के रूप में प्रकट हो उसका संकट हर लिया.

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