दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

हरिद्वार में चार दिवसीय कथक कार्यशाला शुरू, पंडित बिरजू महाराज की स्मृति में हो रहा आयोजन

हरिद्वार में कथक कार्यशाला शुरू हो गई है. कथक कार्यशाला पंडित बिरजू महाराज की पुण्य स्मृति में शुरू हुई है. चार दिवसीय कथक कार्यशाला का उद्घाटन बीएचईएल के महाप्रबंधक नीरज दवे ने किया.

Birju Maharaj Kathak
पंडित बिरजू महाराज की स्मृति

By

Published : Jun 6, 2022, 12:13 PM IST

हरिद्वार:कथक सम्राट पंडित बिरजू महाराज की पुण्य स्मृति में चार दिवसीय कथक कार्यशाला शुरू हो गई है. यह आयोजन शास्त्रीय संगीत की प्रसिद्ध एब्स्ट्रैक्ट डिवाइन डांस फाउंडेशन संस्था ने आयोजित किया है.

संस्था की अध्यक्ष माधवी भट्टाचार्य ने बताया कि चार दिवसीय कथक कार्यशाला कथक सम्राट बिरजू महाराज को समर्पित की गई है. बीएचईएल हरिद्वार के सेक्टर 4 के सामुदायिक केंद्र में कार्यशाला का उद्घाटन बीएचईएल के महाप्रबंधक नीरज दवे ने किया. विशिष्ट अतिथि चिन्मय डिग्री कॉलेज की प्रबंध समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त कर्नल राकेश सचदेवा थे.

हरिद्वार में चार दिवसीय कथक कार्यशाला

बिरजू महाराज के जीवन वृत्त पर माधवी भट्टाचार्य ने अपने विचार व्यक्त किए. उन्होंने बताया कि आज हमने 'पंडित बिरजू महाराज और संगीत एवं अध्यात्म' विषय पर चर्चा की. संगीत के छात्र-छात्राओं ने कथक सम्राट बिरजू महाराज के द्वारा प्रतिपादित संगीत और कथक नृत्य प्रस्तुत किए. इस कार्यक्रम को कथक सम्राट बिरजू महाराज के प्रति समर्पित किया गया. यह उनकी पुण्य स्मृति में आयोजित किया गया. इसमें हरिद्वार और रुड़की के विभिन्न स्कूलों के शास्त्रीय संगीत के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया. इस चार दिवसीय कत्थक कार्यशाला का समापन 8 जून को होगा. कार्यक्रम की शुरुआत राम भजन से हुई.

कौन थे बिरजू महाराज:पंडित बृजमोहन मिश्र जिन्हें बिरजू महाराज भी कहा जाता है 4 फरवरी 1938 को जन्मे थे. उनका 17 जनवरी 2022 को निधन हो गया था. बिरजू महाराज प्रसिद्ध भारतीय कथक नृतक थे. वे शास्त्रीय कथक नृत्य के लखनऊ कालिका-बिंदादिन घराने के अग्रणी नर्तक थे. पंडित जी कथक नर्तकों के महाराज परिवार के वंशज थे. जिसमें अन्य प्रमुख विभूतियों में इनके दो चाचा व ताऊ, शंभु महाराज एवं लच्छू महाराज तथा इनके स्वयं के पिता एवं गुरु अच्छन महाराज भी आते हैं.

हालांकि इनका प्रथम जुड़ाव नृत्य से ही था. फिर भी इनकी गायकी पर भी अच्छी पकड़ थी, तथा ये एक अच्छे शास्त्रीय गायक भी थे. बिरजू महाराज ने कथक नृत्य में नये आयाम नृत्य-नाटिकाओं को जोड़कर उसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. इन्होंने कथक हेतु 'कलाश्रम' की स्थापना भी की. इसके अलावा इन्होंने विश्व पर्यन्त भ्रमण कर सहस्रों नृत्य कार्यक्रम करने के साथ-साथ कथक शिक्षार्थियों हेतु सैकड़ों कार्यशालाएं भी आयोजित की.
ये भी पढ़ें: Chardham Yatra: सबसे ज्यादा बदरीनाथ पहुंचे श्रद्धालु, अन्य धामों का भी जानें हाल

अपने चाचा, शंभू महाराज के साथ नई दिल्ली स्थित भारतीय कला केंद्र, जिसे बाद में कथक केन्द्र कहा जाने लगा, उसमें काम करने के बाद इस केन्द्र के अध्यक्ष पर भी कई वर्षों तक आसीन रहे. तत्पश्चात 1998 में वहां से सेवानिवृत्त होने पर अपना नृत्य विद्यालय कलाश्रम भी दिल्ली में ही खोला. बिरजू महाराज की मृत्यु 17 जनवरी 2022 को हुई.

ABOUT THE AUTHOR

...view details