अररियाः बिहार के अररिया जिले में पत्रकार विमल यादव हत्याकांडमामले में पुलिस ने चार अन्य आरोपियों को हिरासत में लिया है. जिनसे पूछताछ जारी है. इस मामले में आरोपी बनाए गए 2 लोग पहले से ही जेल में बंद हैं, बाकी 2 आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. परिवार की तरफ से कुल आठ आरोपियों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज कराई गयी है.
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दो आरोपी पहले से ही जेल में बंदः एसपी कार्यालय से एक विज्ञप्ति जारी कर बताया गया है कि इस हत्याकांड में पीड़ित पिता हरेंद्र प्रसाद सिंह के बयान पर 8 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है. जिसमें चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. साथ ही विज्ञप्ति में यह उल्लेख किया गया है कि इस हत्याकांड में 8 नामजदों के दो आरोपी पहले से ही जेल में बंद हैं और चार को पुलिस ने अभी गिरफ्तार किया है.
हिरासत में लिए गए हैं चार लोगः पुलिस का कहना है कि जल्द ही मामले के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. सदर एसडीपीओ रामकुमार पुकार सिंह ने बताया कि हम लोग लगातार छापामारी कर रहे हैं. इसी क्रम में भरगामा के विपिन यादव, रानीगंज के भवेश यादव, आशीष यादव और उमेश यादव को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है.
"हम लोग लगातार छापामारी कर रहे हैं. चार लोगों को हिरासत में लिया गया है. जिनके नाम विपिन यादव, भवेश यादव, आशीष यादव और उमेश यादव हैं, इनसे पूछताछ चल रही है. जल्द ही सभी आरोपी गिरफ्तार कर लिए जाएंगे"-रामकुमार पुकार सिंह, सदर एसडीपीओ
एडीजी मुख्यालय की है मामले पर नजरः इससे पहले बिहार के एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने जानकारी देते हुए बताया था कि एसपी खुद मामले की जांच कर रहे हैं. मामले की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. पत्रकार विमल यादव की हत्या पुलिस खुली चुनौती के तौर पर देख रही है. खुद मुख्यालय एडीजी इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं, वहीं इस मामले के बाद सरकार भी कटघरे में खड़ी है. सुशासन के राज्य में लॉ एंड ऑडर के खत्म होने की बात कही जा रही है.
आपसी रंजिश में हुई पत्रकार की हत्याः बता दें कि कल शुक्रवार को पत्रकार विमल यादव की उनके घर में घुस कर हत्या कर दी गई थी. दरअसल विमल यादव अपने भाई गब्बू यादव की हत्या मामले में मुख्य गवाह थे. अपराधियों ने गवाही नहीं देने की चेतावनी दे रखी थी और गवाही ना देने को लेकर ही विमल यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई. जिसके बाद बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया. विपक्ष इसे लेकर सरकार से लॉ एंड ऑडर पर सवाल पूछ रहा है.