कोलकाता :देश में 10 साल से कम उम्र के बच्चों में साक्षरता दर(literacy index) की सूची में बड़े राज्यों की श्रेणी में पश्चिम बंगाल (West Bengal) सबसे ऊपर है. यह जानकारी इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस' की 'आधारभूत साक्षरता और गणना पर सूचकांक' पर किये अध्ययन में सामने आई है. कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के 19 दिसंबर, 2021 को होने वाले चुनावों से ठीक पहले इस रिपोर्ट के आने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में खुशी की लहर है.
उक्त रिपोर्ट 41 बिंदुओं और पांच मापदंडों के आधार पर तैयार की गई है. इन मापदंडों में शैक्षिक बुनियादी ढांचा, शिक्षा तक पहुंच, बुनियादी स्वास्थ्य, सीखने के परिणाम और शासन. बयान में कहा गया है कि पांच मापदंडों में से यह देखा गया है कि राज्यों ने शासन में विशेष रूप से खराब प्रदर्शन किया है. बयान के मुताबिक, राज्यों में 50 प्रतिशत से अधिक ने राष्ट्रीय औसत यानी 28.05 से नीचे अंक हासिल किए हैं.
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'इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस' द्वारा 'आधारभूत साक्षरता और गणना पर सूचकांक' के संबंध में रिपोर्ट तैयार की गई और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) अध्यक्ष बिबेक देबरॉय द्वारा जारी की गई. रिपोर्ट में कहा गया कि सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता सुनिश्चित करने की चुनौती कठिन है, फिर भी इसे हासिल करना असंभव नहीं है.
ईएसी-पीएम ने एक बयान में कहा, 'शीर्ष अंक हासिल करने वाले क्षेत्र क्रमशः केरल (67.95) और पश्चिम बंगाल (58.95) क्रमश: छोटे और बड़े राज्यों में हैं.' लक्षद्वीप (52.69) और मिजोरम (51.64) क्रमशः केंद्र शासित प्रदेश और पूर्वोत्तर राज्य श्रेणी में शीर्ष अंक हासिल करने वाले क्षेत्र हैं. सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों में लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों की सूची में सबसे नीचे है, जबकि अरुणाचल प्रदेश पूर्वोत्तर श्रेणी में सबसे आखिर है.