लखनऊ: देश में गजवा-ए-हिंद की पृष्ठभूमि तैयार की जा रही है और इसका ताना -बाना यूपी में बुना जा रहा है. कानपुर से गिरफ्तार महज 19 साल का आतंकी हबीबुल इसकी मजबूत कड़ी थी. जो गजवा-ए-हिंद का सपना पाले हुए था और पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के हुक्म पर देश भर के मुस्लिम युवकों को भारत से युध्द के लिए तैयार कर रहा था. हबीबुल आतंकी संगठनों का प्रमुख सोशल मीडिया एक्सपर्ट था. जो न सिर्फ आतंकियों के लिए सोशल मीडिया एकाउंट्स और वर्चुअल आईडी बनाता था बल्कि, जिहादी वीडियो और गजवा-ए-हिन्द से जुड़े वीडियो को खुद बनाकर युवाओं तक पहुंचाता था. यूपी एटीएस ने हबीबुल की रिमांड ली है. अगले 10 दिनों तक कई राज सामने आने वाले हैं.
यूपी में गजवा-ए-हिंद की तैयारी हिंदुओं को मानता था काफिर, सपने में था गजवा-ए-हिंदहबीबुल से गिरफ्तारी के वक्त एटीएस ने पूछताछ की तो उसने कहा, जिहाद से जन्नत मिलती है. अगर कोई धर्म है तो वह सिर्फ इस्लाम है. मैं एक सच्चा मुसलमान हूं. मैं वही कर रहा हूं जो दीन ने कहा है. एटीएस ने जब उससे पूछा कि कट्टरपंथी समूहों के समर्थन में क्यों हो तो जवाब देते हुए हबीबुल बोला कि इस्लाम के लिए क्योंकि सबका मसकद एक ही है गजवा-ए-हिंद. यही नहीं, वह हिंदूओं के लिए काफिर शब्द का ही प्रयोग कर रहा था.
गजवा-ए-हिन्द की सबसे मजबूत कड़ी है हबीबुल सोशल मीडिया आतंकी संगठनों का एक मजबूत हथियार है. इस हथियार को हैंडल करने के लिए 14 अगस्त को फतेहपुर का रहने वाला 19 साल के हबीबुल उर्फ सैफुल्ला को रिक्रूट किया गया था. हबीबुल वह शख्स है, जो पाकिस्तान में बैठे भारत में इस्लाम की हुकूमत का सपना देख रहे आतंकियों के लिए सोशल मीडिया एक्सपर्ट के तौर पर काम कर रहा था. हबीबुल आतंकियों के सोशल मीडिया एकाउंट्स बनाता था. इसमें वह गजवा-ए-हिन्द से जुड़े जिहादी वीडियो पोस्ट करता था. यह वीडियो खुद हबीबुल उर्फ सैफुल्ला बनाता था और उसे वायरल किया जाता था.
आतंकियों से मिली पाकिस्तानी किताब पढ़ता था हबीबुल
यूपी एटीएस के सूत्रों के मुताबिक, हबीबुल उर्फ सैफुल्ला ऐसे कई टेलिग्राम के ग्रुप्स में जुड़ा था. जहां से उसे जिहाद करने और गजवा-ए-हिन्द का सपना पूरा करने का हुक्म मिल रहा था. उन्हीं में से 'राह-ए-हिदायत और 'गुरबा' ग्रुप. इन ग्रुप में पाकिस्तान और तालिबान से जुड़े कई आतंकी मौजूद थे. इस ग्रुप में लिट्रेचर और दस्तावेजों को भेज काफिरों के खिलाफ युद्ध करने के लिए उकसाया जाता था. यही नहीं पाकिस्तान में छपी किताबों को भी इसी ग्रुप में भेजा जाता था. इसमें बाकायदा गजवा-ए-हिंद के बारे में विस्तार से बताया गया था. यह सभी किताबे हबीबुल के पास से एटीएस को मिली हैं.
अपने ही लोगों को जिहाद करने के लिए भड़काता था हबीबुल
गुजरात और प्रतापगढ़ के मदरसे में अपनी जिहादी विचारधारा के चलते हबीबुल भगाया गया. इसके बाद वह फतेहपुर में आकर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भारत के खिलाफ युद्ध करने के लिए भड़काने लगा था. पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में रहने वाले कौम के लोगों की मदद के लिए कहता था. वह मुस्लिमों के साथ होने वाली क्रूरता के वीडियो दिखाकर जिहाद के लिए उकसाता था. इसी जिहादी विचारधारा को देख जैश-ए-मुहम्मद ने गजवा-ए-हिंद के मिशन के लिए हबीबुल को सबसे मजबूत कड़ी बनाया था.
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फुलवारीशरीफ में बरामद हुए जिहादी वीडियो में दिखा था हबीबुल
बिहार के फुलवारीशरीफ में एनआईए की छापेमारी में गिरफ्तार मार्गुव अहमद दानिश उर्फ ताहिर के मोबाइल में कई व्हाट्सएप ग्रुप मिले थे. इसमे गजवा-ए-हिंद को लेकर चैट थी और जिहाद के कुछ वीडियो भी. इन वीडियो में भारत से जिहाद करने की अपील होती थी. यही नहीं अन्य कुछ आरोपियों के पास से 2047 तक भारत में इस्लाम की हुकूमत का पूरा एक्शन प्लान बरामद हुआ था. यूपी एटीएस के सूत्रों के मुताबिक, फुलवारीशरीफ में गजवा-ए-हिन्द मिशन में काम कर रहे गिरफ्तार हुए लोगों के ग्रुप्स में मौजूद वीडियो में कई वीडियो हबीबुल के ही बनाये हुए थे. इसे उसने बना कर आतंकी आकाओं के इशारे पर वायरल किया था.
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