मुंबई : तीसरे मोर्चे के गठन की अटकलों के बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ( Shiv Sena MP Sanjay Raut ) ने बुधवार को कहा कि 2024 के आम चुनावों में भाजपा का मुकाबला करने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाना और किसी एक चेहरे पर आम सहमति बनाना मुश्किल काम है क्योंकि हर क्षेत्रीय दल खुद को राजा मानता है और अपने 'हिसाब से चीजों को तय करने की कोशिश करता है.'
यह पूछे जाने पर कि क्या शरद पवार वह संभावित चेहरा होंगे, राउत ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख एक वरिष्ठ राष्ट्रीय नेता हैं, लेकिन साथ ही, कुछ लोग पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी (TMC president Mamata Banerjee) के बारे में विचार कर रहे हैं.
उन्होंने दिल्ली में एक क्षेत्रीय समाचार चैनल से कहा, '2024 के आम चुनावों में भाजपा से मुकाबला करने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाना और किसी एक चेहरे पर आम सहमति बनाना बहुत ही बड़ा काम है. हर विपक्षी दल अपने आप को किसी राजा के समान समझता है और अपने हिसाब से चीजों को तय करने की कोशिश करता है.'
राउत ने कहा, 'हमें केंद्र सरकार का मुकाबला करने के लिए, आपातकाल के बाद के चुनाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ जयप्रकाश नारायण, राजीव गांधी के खिलाफ वीपी सिंह जैसे किसी चेहरे की जरूरत है. बाद में (तत्कालीन प्रधानमंत्री) मनमोहन सिंह और (कांग्रेस अध्यक्ष) सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को 2014 के आम चुनावों में नरेंद्र मोदी द्वारा चुनौती दी गई थी.'
यह पूछे जाने पर कि भाजपा का मुकाबला करने के लिए संभावित चेहरे के रूप में कौन नेता उभर सकते हैं, राउत ने कहा, 'शरद पवार लंबे समय से राष्ट्रीय नेता रहे हैं. हाल के पश्चिम बंगाल चुनावों में शानदार प्रदर्शन के बाद कुछ लोग ममता बनर्जी के बारे में सोचते हैं. ऐसी परिस्थिति में अगर (चुनाव रणनीतिकार) प्रशांत किशोर कुछ जादू कर सकते हैं तो मुझे खुशी होगी.'