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प.बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को अस्पताल से छुट्टी मिली - बुद्धदेव भट्टाचार्य स्वास्थ्य

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को आज अस्पताल से छुट्टी मिल गई. उन्हें सांस की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

Former West Bengal Chief Minister Buddhadeb Bhattacharya discharged from hospital
प.बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को अस्पताल से छुट्टी मिली

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Published : Aug 9, 2023, 2:09 PM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को 11 दिन तक उपचार के बाद बुधवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. भट्टाचार्य (79) को श्वसन नली के निचले भाग में संक्रमण और 'टाइप 2' श्वसन संबंधी शिकायत के बाद 29 जुलाई को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि भट्टाचार्य को अस्पताल से छुट्टी दिए जाने के बाद उन्हें एक एम्बुलेंस में उनके पाम एवेन्यू स्थित आवास ले जाया गया. एम्बुलेंस में चेहरे पर लगाया जाने वाला एक प्रकार का मास्क ‘बीआईपीएपी’ तथा अन्य आवश्यक ऑक्सीजन प्रणाली थी.

भट्टाचार्य का अस्पताल के चिकित्सकों के एक दल की निगरानी में घर पर इलाज जारी रहेगा. वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा, 'उनका स्वास्थ्य ठीक है. हालांकि, वह घर पर बीआईपीएपी और अन्य आवश्यक ऑक्सीजन प्रणाली की मदद लेते रहेंगे. चिकित्सकों का हमारा दल कुछ समय तक उनके स्वास्थ पर नजर रखेगा.' भट्टाचार्य को सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) और उम्र संबंधी स्वास्थ्य जटिलताओं के बाद 29 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

भट्टाचार्य ने वाम दल के वरिष्ठ नेता ज्योति बसु के स्थान पर वर्ष 2000 में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री का पदभार संभाला था. वह 2011 तक मुख्यमंत्री पद पर रहे. उसी दौरान उद्योगों के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर ममता बनर्जी की अगुवाई में आंदोलन हुआ था. साल 2011 में हुए विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने बहुमत हासिल किया और पश्चिम बंगाल में माकपा नीत वाम मोर्चा का 34 साल से चला आ रहा शासन समाप्त हो गया था.

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इसके बाद भट्टाचार्य स्वास्थ्य संबंधी कारणों के चलते लंबे समय तक सार्वजनिक जीवन से दूर रहे. उन्होंने 2015 में माकपा की पोलित ब्यूरो और केंद्रीय समिति से इस्तीफा दे दिया था तथा फिर 2018 में पार्टी के राज्य सचिवालय की सदस्यता भी छोड़ दी. उन्हें सार्वजनिक रूप से आखिरी बार तब देखा गया था जब वह 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में वाम दल की रैली में अचानक पहुंच गए थे और उस समय भी वह ऑक्जीसन प्रणाली की मदद ले रहे थे.

(पीटीआई-भाषा)

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