राष्ट्रीय टीम बनने के बाद खड़े हो रहे सवाल, क्या यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा को मिलेगी कोई जिम्मेदारी? - राजनीतिक भविष्य
यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हमेशा लोकप्रिय रहे हैं. उन्हें पहले राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और गुजरात के प्रभारी की जिम्मेदारी दी जा चुकी है. क्या भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री को कोई अहम जिम्मेदारी देगी? पढ़िये यह खास रिपोर्ट.
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Published : Jul 31, 2023, 8:50 PM IST
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Updated : Aug 1, 2023, 10:19 AM IST
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लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय टीम बनने के बाद अब एक बड़ा सवाल है कि पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा का राजनीतिक भविष्य क्या होगा? उत्तर प्रदेश में सरकार बनने के लगभग डेढ़ साल बाद अब तक उनको कोई नया पद नहीं मिला है. माना जा रहा था कि राष्ट्रीय टीम में उनका स्थान बन सकता है, यहां भी कोई विकल्प नहीं दिया गया. ऐसे में डॉक्टर दिनेश शर्मा के पास अब लोकसभा चुनाव लड़ने के अतिरिक्त कोई सहारा नहीं बचा.
लखनऊ यूनिवर्सिटी में अर्थ शास्त्र के प्रोफेसर के पद पर रहते हुए पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा बीजेपी से जुड़े. 18 मार्च 2017 को डॉ दिनेश शर्मा ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. दिनेश शर्मा अपने मिलनसार व्यक्तित्व के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हमेशा से लोकप्रिय रहे हैं. डॉ. शर्मा दो बार लखनऊ के महापौर रहे. उत्तर प्रदेश मेयर कौंसिल के अध्यक्ष भी रहे. अटल बिहारी वाजपेयी जब लखनऊ के सांसद थे, दिनेश शर्मा को उनका काफी करीब माना जाता था. 2014 में जब अमित शाह पार्टी अध्यक्ष बने उस समय भारतीय जनता पार्टी की सदस्यों की संख्या बढ़ाने में दिनेश शर्मा ने अहम भूमिका निभाई. तब से वे अमित शाह के पसंदीदा बन गए. मेयर पद से हटने के बाद दिनेश शर्मा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और गुजरात के प्रभारी भी बनाए गए थे.
मार्च 2022 में डॉ. दिनेश शर्मा का प्रभाव यूपी की राजनीति में कम हुआ है. उनकी जगह ब्राह्मण चेहरे को देखते हुए ब्रजेश पाठक को उप मुख्यमंत्री बनाया गया, जबकि दिनेश शर्मा मात्र विधान परिषद सदस्य ही रह गए. फिर माना यह जा रहा था कि डॉ. दिनेश शर्मा भविष्य में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. यहां तक की उनको प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने तक की बात की जा रही थी, लेकिन यहां भी नहीं हो सका और संगठन में नवगठन के दौरान उनको कोई भूमिका नहीं दी गई. इसके बाद में कयास लगाए जा रहे थे कि राष्ट्रीय टीम बनने के दौरान डॉ. दिनेश शर्मा उसमें शामिल करके केंद्र की राजनीति में अपनी भूमिका निभाएंगे. दो दिन पहले जब भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय टीम का गठन किया गया, वहां भी डॉ. दिनेश शर्मा को कोई भूमिका नहीं दी गई है. ऐसे में उनका राजनीतिक भविष्य क्या होगा इसको लेकर सवालिया निशान लग चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी सूत्रों का कहना है कि 'डॉ दिनेश शर्मा जैसे अनुभवी नेता को पार्टी दरकिनार नहीं करेगी. यह यह केवल समय की बात है कि उनको कब कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाए. माना यह भी जा रहा है कि उनको 2024 में लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है. सूत्र तो यहां तक कह रहे हैं कि कानपुर लोकसभा सीट उनके लिए ही आरक्षित की जा रही है.'
राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार विजय उपाध्याय ने बताया कि 'भाजपा ने डॉ दिनेश शर्मा के लिए कुछ अच्छा सोचा होगा. भाजपा अपने 'एसेट' का ख्याल हमेशा रखती है. उनके लिए ही भी निकट भविष्य में कोई न कोई बड़ी जिम्मेदारी जरूर तय की जाएगी. संभवत लोकसभा चुनाव उनको लड़ाया जा सकता है.'