बुलंदशहर:यूपी में भाजपा की राजनीति के पुरोधा कल्याण सिंह का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया. बेटे राजवीर ने उन्हें मुखाग्नि दी. इस दौरान सभी की आंखें नम रहीं. अंतिम यात्रा दोपहर के समय बुलंदशहर के नरौरा घाट पहुंची. यहां अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे. उनके अंतिम संस्कार में सीएम योगी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई बड़े नेता शामिल हुए.
राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम सलामी
कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ आखिरी सलामी दी गई. इसके बाद तिरंगा परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया और शव को चिता पर लेटाया गया. इस दौरान घाट के बाहर बार-बार भीड़ बेकाबू होती दिखी जो उनके अंतिम दर्शन करना चाहती थी. अंदर मंत्र पढ़े जा रहे थे और बाहर समर्थक जय श्री राम, जब तक सूरज चांद रहेगा कल्याण तेरा नाम रहेगा के नारे लगाते रहे.
पंचतत्व में विलीन हुए यूपी के पूर्व CM कल्याण सिंह इन्होंने दी अंतिम श्रद्धांजलि
कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देने पहुंचे अमित शाह व अन्य अलीगढ़ से अनंत यात्रा शुरू हुई तो नरौरा घाट तक हजारों की संख्या में लोगों ने कल्याण सिंह को श्रद्धा सुमन अर्पित किए. यात्रा के नरौरा घाट पहुंचने से पहले ही बड़ी संख्या में लोग यहां उन्हे श्रद्धाजंलि देने के लिए एकत्र हो गए थे. जब यात्रा पहुंची तो भारी भीड़ हो गई और भीड़ को रोकने के लिए सुरक्षाकर्मियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्य रूप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, शिवराज सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत कई दिग्गज नेताओं ने श्रद्धाजंलि दी.
पुख्ता रही सुरक्षा व्यवस्था
अंतिम संस्कार के लिए VVIP की सुरक्षा को लेकर व्यापक इंतजाम किए गए थे. बाकायदा अतिरिक्त मजिस्ट्रेट और पुलिस फोर्स को तैनात किया गया था. आस-पास के जनपदों से भी अतिरिक्त पुलिस फोर्स मंगाया गया था. सड़क मार्ग पर भी यातायात सहित सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए थे.
वहीं सीएम योगी ने कल्याण सिंह के अंत्येष्टि संस्कार पर ट्वीट करते हुए लिखा कि, रामभक्ति में तज दिया, अपने सिर का ताज। राम शरण की ओर चले, परम रामभक्त आज।।.
विधि विधान से हुआ अंतिम संस्कार
कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार वैदिक रीति रिवाज से हुआ. 11 आचार्यों ने अंतिम संस्कार वैदिक रीति रिवाज से सम्पन्न कराया. अंतिम संस्कार में चंदन के अलावा ढक, पीपल व आम की लकड़ी का उपयोग किया गया. बेटे राजवीर ने उन्हें मुखाग्नि दी. इस दौरान सभी की आंखें नम रही.
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