नई दिल्ली :सरकार ने सोशल मीडिया मंचों पर उपलब्ध सामग्रियों एवं अन्य मुद्दों को लेकर दर्ज शिकायतों का निपटारा करने के लिए आईटी नियमों में बदलाव किया है (Govt notifies rules for social media). इसको लेकर पूर्व केंद्रीय आईटी मंत्री कपिल सिब्बल ने निशाना साधा है (Former Union IT Minister Kapil Sibal on amended IT rules).
सिब्बल ने कहा कि 'पहले, उन्होंने टीवी नेटवर्क पर कब्जा कर लिया और अब वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कब्जा करने वाले हैं. हम एक आचार संहिता, एक राजनीतिक दल, एक शासन प्रणाली और किसी के प्रति जवाबदेह नहीं होने की ओर बढ़ रहे हैं.'
उन्होंने कहा कि 'सरकार के लिए सुरक्षित और दूसरों के लिए असुरक्षित, इस सरकार की हमेशा से यही नीति रही है... आम नागरिकों के लिए सोशल मीडिया ही एकमात्र मंच बचा था; जब मानहानिकारक बयान दिए जाएंगे... लोगों पर मुकदमा चलाया जाएगा.'
गौरतलब है कि शुक्रवार को जारी गजट अधिसूचना के मुताबिक तीन महीने के भीतर 'शिकायत अपीलीय समितियां' गठित कर दी जाएंगी. इन अपीलीय समितियों के गठन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश एवं डिजिटल मीडिया नीति संहिता) नियम, 2021 में कुछ फेरबदल किए गए हैं.
अधिसूचना में कहा गया है, 'केंद्र सरकार सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम, 2022 के लागू होने की तारीख से तीन महीने के भीतर अधिसूचना द्वारा एक या अधिक शिकायत अपीलीय समितियों का गठन करेगी.'संशोधनों को अधिसूचित किए जाने के बाद आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट किया, 'उपयोगकर्ताओं का सशक्तिकरण. मध्यस्थ द्वारा नियुक्त शिकायत अधिकारी के फैसलों के खिलाफ अपील की सुनवाई के लिए शिकायत अपीलीय समितियों (जीएसी) की शुरुआत की गई है.'
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'गोपनीयता नीति और उपयोगकर्ता समझौतों को आठ अनुसूचित भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा.' प्रत्येक समिति में एक चेयरपर्सन और केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त दो पूर्णकालिक सदस्य होंगे. इनमें से एक पदेन सदस्य होगा और दो स्वतंत्र सदस्य होंगे. अधिसूचना के मुताबिक शिकायत अधिकारी के निर्णय से असहमत कोई भी व्यक्ति, शिकायत अधिकारी से सूचना मिलने से तीस दिनों के भीतर अपीलीय समिति में शिकायत कर सकता है.
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