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Twitter के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने कहा- किसानों के विरोध के दौरान भारत सरकार ने बनाया दबाव, कहा- बात नहीं मानी तो बंद कर देंगे दफ्तर - जैक डोरसी इंडिया

ट्विटर के सह-संस्थापक जैक डोर्सी के अनुसार, किसान आंदोलन के दौरान सरकार की आलोचना व्यक्त करने वालों से संबंधित खातों को ब्लॉक करने के लिए ट्विटर को भारत से कई अनुरोध प्राप्त हुए. डोर्सी ने कहा कि भारत सरकार ने ट्विटर पर दबाव डाला था. जिसमें देश में मंच को बंद करने, कर्मचारियों के घरों पर छापे मारने और ट्विटर कार्यालयों को बंद करने की धमकियां शामिल थीं. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jun 13, 2023, 10:03 AM IST

Updated : Jun 13, 2023, 11:59 AM IST

नई दिल्ली : ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार ने किसानों के विरोध और केंद्र की आलोचना करने वाले पत्रकारों के संबंध में ट्विटर से कई अनुरोध किए. इसके बाद दबाव डाला और ट्विटर कर्मचारियों पर छापा मारने की धमकी दी. डोर्सी ने ये आरोप 12 जून को यूट्यूब चैनल ब्रेकिंग पॉइंट्स को दिए एक इंटरव्यू में लगाए. साक्षात्कार के दौरान, डोर्सी से ट्विटर के सीईओ के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान विदेशी सरकारों से मिले दबावों के बारे में पूछा गया था.

जिसके जवाब में डोर्सी ने कहा कि भारत सरकार ने किसानों आंदोलन समय हमसे कई अनुरोध किए थे. विशेष कर सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों के खातों को लेकर. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से हमें यहां तक धमकी दी गई कि हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे. हम आपके कर्मचारियों के घरों पर छापा मारेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से कहा गया कि आप हमारा कहना नहीं मानेंगे तो हम भारत में आपके दफ्तर को बंद कर देंगे. डोर्सी ने कहा कि और हमारा मानना है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है. इसके बाद उन्होंने तुर्की सहित अन्य देशों के अपने अनुभव की तुलना की. उन्होंने तुर्की और भारत को एक समान बताया.

फरवरी 2021 में किसानों आंदोलन के समय केंद्र ने ट्विटर से विरोध से संबंधित लगभग 1,200 खातों को हटाने के लिए कहा था. उस खातों पर खालिस्तान समर्थकों या पाकिस्तान द्वारा समर्थित होने का संदेह था. डोरसी ने उस समय विरोध का समर्थन करने वाले कुछ ट्वीट्स को 'लाइक' किया था. जिससे ट्विटर की तटस्थता पर सवाल उठे थे.

आईटी मंत्री ने ट्विटर के पूर्व बॉस जैक डोर्सी के बयान के बाद कहा - 'एकमुश्त झूठ'
केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार को ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी के इस दावे का जोरदार खंडन किया. उन्होंने कहा कि यह जैक द्वारा बोला गया एक स्पष्ट झूठ है. शायद ट्विटर के इतिहास के उस बहुत ही संदिग्ध अवधि को मिटाने का प्रयास है. चंद्रशेखर ने कहा कि ट्विटर पर किसी ने छापा नहीं मारा, कोई जेल नहीं भेजा गया और न ही देश में साइट को बंद किया गया.

भारतीय कानून की संप्रभुता को स्वीकार करने में समस्या
राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि ट्विटर और उसके अधिकारियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि प्लेटफॉर्म सरकारी नियमों का उल्लंघन कर रहा था. उन्होंने कहा कि डोर्सी के समय ट्विटर को भारतीय कानून की संप्रभुता को स्वीकार करने में समस्या थी. आईटी मंत्री ने कहा कि उस समय ट्विटर का व्यवहार ऐसा था जैसे कि भारत के कानून इस पर लागू नहीं होते. उन्होंने कहा कि भारत को एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में यह सुनिश्चित करने का अधिकार है कि भारत में काम करने वाली सभी कंपनियां इसके कानून का पालन करें.

चंद्रशेखर ने आगे कहा कि किसानों के विरोध के दौरान ट्विटर पर भेजे गए कोई भी टेकडाउन नोटिस गलत सूचना और प्लेटफॉर्म पर चल रही फर्जी खबरों के कारण थे. उन्होंने जैक डोर्सी के समय ट्विटर 'पक्षपातपूर्ण व्यवहार' कर रहा था.

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विपक्षी नेताओं ने क्रेंद्र सरकार पर साधा निशाना
कई विपक्षी नेताओं ने डोर्सी के बयान पर के बाद केंद्र सरकार को निशाने पर रखा. भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने ट्विटर पर साक्षात्कार के कुछ अंश कैप्शन के साथ साझा किए: लोकतंत्र की माता - अनफ़िल्टर्ड. शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने विपक्ष को चुप कराने की कोशिश की. किसानों का समर्थन करने वालों की आवाजों को दबाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का इस्तेमाल किया.

कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी इस मामले में केंद्र सरकार पर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि ट्विटर के संस्थापक और पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने खुलासा किया कि मोदी सरकार ने उन्हें धमकाया. उन्होंने कहा कि जब देश के किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहे थे, तो पीएम मोदी की आवाज दबा रहे थे.

Last Updated : Jun 13, 2023, 11:59 AM IST

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