नई दिल्ली : ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार ने किसानों के विरोध और केंद्र की आलोचना करने वाले पत्रकारों के संबंध में ट्विटर से कई अनुरोध किए. इसके बाद दबाव डाला और ट्विटर कर्मचारियों पर छापा मारने की धमकी दी. डोर्सी ने ये आरोप 12 जून को यूट्यूब चैनल ब्रेकिंग पॉइंट्स को दिए एक इंटरव्यू में लगाए. साक्षात्कार के दौरान, डोर्सी से ट्विटर के सीईओ के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान विदेशी सरकारों से मिले दबावों के बारे में पूछा गया था.
जिसके जवाब में डोर्सी ने कहा कि भारत सरकार ने किसानों आंदोलन समय हमसे कई अनुरोध किए थे. विशेष कर सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों के खातों को लेकर. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से हमें यहां तक धमकी दी गई कि हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे. हम आपके कर्मचारियों के घरों पर छापा मारेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से कहा गया कि आप हमारा कहना नहीं मानेंगे तो हम भारत में आपके दफ्तर को बंद कर देंगे. डोर्सी ने कहा कि और हमारा मानना है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है. इसके बाद उन्होंने तुर्की सहित अन्य देशों के अपने अनुभव की तुलना की. उन्होंने तुर्की और भारत को एक समान बताया.
फरवरी 2021 में किसानों आंदोलन के समय केंद्र ने ट्विटर से विरोध से संबंधित लगभग 1,200 खातों को हटाने के लिए कहा था. उस खातों पर खालिस्तान समर्थकों या पाकिस्तान द्वारा समर्थित होने का संदेह था. डोरसी ने उस समय विरोध का समर्थन करने वाले कुछ ट्वीट्स को 'लाइक' किया था. जिससे ट्विटर की तटस्थता पर सवाल उठे थे.
आईटी मंत्री ने ट्विटर के पूर्व बॉस जैक डोर्सी के बयान के बाद कहा - 'एकमुश्त झूठ'
केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार को ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी के इस दावे का जोरदार खंडन किया. उन्होंने कहा कि यह जैक द्वारा बोला गया एक स्पष्ट झूठ है. शायद ट्विटर के इतिहास के उस बहुत ही संदिग्ध अवधि को मिटाने का प्रयास है. चंद्रशेखर ने कहा कि ट्विटर पर किसी ने छापा नहीं मारा, कोई जेल नहीं भेजा गया और न ही देश में साइट को बंद किया गया.