जमशेदपुर: टाटा स्टील के पूर्व एमडी डॉ जेजे ईरानी का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से पार्वती घाट में संपन्न हुआ (Former Tata Steel MD Dr JJ Irani cremation). उनके निधन पर टाटा ग्रुप के चेयरमैन और टाटा स्टील के सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन ने शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि विषम परिस्थिति में डॉ ईरानी ने टाटा स्टील में अहम भूमिका निभाई है, उन्हें कभी नहीं भूला जा सकता.
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जमशेदपुर में स्थापित 100 साल पुरानी टाटा स्टील के पूर्व एमडी डॉ जेजे ईरानी का अंतिम संस्कार बिष्टुपुर स्थित पार्वती घाट के विद्युत शवदाह गृह (Parvati Ghat in Bishtupur Jamshedpur) में संपन्न हुआ. पारसी होने के बावजूद उनका अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज के साथ हुआ. अंतिम संस्कार से पहले बिष्टुपुर स्थित उनके आवास पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, विधायक सरयू राय के अलावा टाटा वर्कर्स यूनियन के तमाम अधिकारी, पदाधिकारी और कई प्रबुद्ध लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की है. इसके अलावा घाट पर उनकी पत्नी डेजी ईरानी और परिवार के अन्य सदस्य मौजूद रहे.
Jharkhand: पंचतत्व में विलीन हुए टाटा स्टील के पूर्व एमडी डॉ जेजे ईरानी, अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे कई विधायक-मंत्री
टाटा स्टील के पूर्व एमडी डॉ जेजे ईरानी मंगलवार को पंचतत्व में वीलीन हो गए (Former Tata Steel MD Dr JJ Irani cremation). बिष्टुपुर स्थित पार्वती घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया. उनके निधन से कॉरपोरेट जगत में शोक की लहर है. जेजे ईरानी अंतिम दर्शन के लिए कई मंत्री, विधायक समेत टाटा स्टील के तमाम पदाधिकारी उनके आवास पहुंचे थे.
बीमार चल रहे थे डॉ ईरानी: जेजे ईरानी पिछले कई दिनों से बीमार थे और जमशेदपुर के टीएमएच अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. सोमवार की रात इलाज के दौरान टीएमएच अस्पताल में उनका निधन हो गया. डॉ ईरानी के निधन पर टाटा स्टील ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने शोक जताया है. उन्होंने कहा है कि डॉक्टर ईरानी का इस्पात उद्योग में बहुत बड़ा योगदान था. टाटा समूह उन्हें कभी नहीं भूलेगा.
एमडी टीवी नरेंद्रन ने जताया शोक: वहीं टाटा स्टील के सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन ने शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि डॉक्टर ईरानी ने 90 के दशक में टाटा स्टील में काफी बदलाव किया. विषम परिस्थिति में उन्होंने एक अहम भूमिका निभाई है, यही वजह है कि अब भी वे कई लोगों के लिए आदर्श और सलाहकार थे. हम उन्हें शत् शत् नमन करते हुए श्रद्धांजलि देते हैं.