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मंत्री-मुख्यमंत्री की रेस से बाहर होकर भी काम के हैं अमरिंदर सिंह, 2024 की तैयारी में भाजपा

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के सहारे अब भाजपा पंजाब में अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिश करेगी. अकाली से नाता टूटने के बाद से भाजपा किसी मजबूत पंजाब के नेता की तलाश आज खत्म हो गयी. 2024 की तैयारी में भाजपा अमरिंदर सिंह को पंजाब में कोई ऐसी जिम्मेदारी देगी, जिसका सीधा नहीं तो अप्रत्यक्ष फायदा भाजपा को मिलेगा. वह मुख्यमंत्री व मंत्री बनने की रेस से बाहर होने के बाद भी भाजपा के लिए काम के नेता साबित हो सकते हैं.

Slug  Former Punjab Chief Minister Captain Amarinder Singh Joining BJP
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह

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Published : Sep 19, 2022, 5:24 PM IST

नई दिल्ली : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Former Punjab Chief Minister Captain Amarinder Singh) आज भाजपा में न सिर्फ शामिल होंगे बल्कि वह अपनी 'पंजाब लोक कांग्रेस' (PLC) पार्टी का भी भाजपा में विलय करेंगे. कैप्टन के साथ उनके करीबी पंजाब के 5-6 पूर्व मंत्री भी भाजपा की सदस्यता लेने की तैयारी में हैं. पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ बेटा रण इंदर सिंह, बेटी जय इंदर कौर, पूर्व विधायक करण कौर और भदौड़ से पूर्व विधायक निर्मल सिंह भी बीजेपी में शामिल होंगे. ऐसी स्थिति में लगता है कि वह अपने परिवार को भाजपा में अहम जिम्मेदारी दिलाने में सफल होंगे. 80 साल के हो चुके पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा के उस फार्मूले में फिट नहीं बैठेंगे जिसमें वह 75 साल के पार हो चुके नेताओं चुनाव नहीं लड़ाती है.

आपको बता दें कि अकाली से मोहभंग व पंजाब चुनाव में अच्छा प्रदर्शन न कर पाने वाली भाजपा 2014 की चुनावी तैयारी कर रही है. भाजपा पंजाब में पार्टी के पुनर्गठन की तैयारी में हैं, क्योंकि वर्तमान भाजपा प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा का कार्यकाल खत्म होने वाला है. ऐसे में पंजाब लोक कांग्रेस का भाजपा में विलय होने के बाद पार्टी नेतृत्व कैप्टन और उनके करीबियों को पंजाब में अहम जिम्मेदारियां सौंपकर पंजाब में अपनी स्थिति मजबूत कर सकती है. पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Former Punjab CM Captain Amarinder Singh) को भाजपा भले ही चुनाव न लड़ाए, लेकिन उनके चहेतों को एडजस्ट कर सकती है.

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर अपनी नई पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का गठन चुके थे. चुनाव में खास सफलता न मिलने के बाद अमरिंदर सिंह पहले ही अपने कई करीबी नेताओं को भाजपा में शामिल करा चुके हैं और पिछले कई दिनों भाजपा के बड़े नेताओं के संपर्क में थे. पंजाब में संगठन को मजबूत करने और जनाधार बढ़ाने के मिशन में लगी भाजपा अपनी राज्य इकाई की टीम में बड़े पैमाने पर बदलाव की तैयारी में है और यह माना जा रहा है कि भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी जल्द ही उन्हें पंजाब में कोई बड़ी भूमिका दे सकती है. उनके करीबी नेताओं को भी पार्टी संगठन में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है.

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ

नवजोत सिंह सिद्धू से टकराव से छोड़ी थी पार्टी
बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू से टकराव के कारण कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले अमरिंदर सिंह ने अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का गठन किया था. उस समय चुनावी रणनीति के तहत अमरिंदर सिंह ने अपने कई करीबियों को भाजपा में शामिल कराया था, लेकिन स्वयं अपने राजनीतिक दल के बैनर तले ही भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था. हालांकि अमरिंदर सिंह न तो अपनी पटियाला सीट बचा पाए और न ही अपनी पार्टी के किसी उम्मीदवार को जीता पाएं. आम आदमी पार्टी की आंधी में भाजपा के मंसूबे भी धरे के धरे रह गए.

2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर अब भाजपा राज्य में संगठन का पुनर्गठन करने में जुट गई है और भाजपा के रणनीतिकारों का यह मानना है कि अमरिंदर सिंह के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को पंजाब में अपना जनाधार बढ़ाने और संगठन को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी और अमरिंदर सिंह को पार्टी पंजाब में अपना चेहरा बनाने के बजाय कोई ऐसी जिम्मेदारी दे सकती है, जिससे पार्टी को फायदा हो. वह केन्द्रीय मंत्रिमंडल में भी फिट नहीं हो पाएंगे.

पंजाब में भाजपा जगह बनाने के लिए प्रयास कर रही है. भाजपा में विलय की खबर ऐसे समय आई है, जब पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी सरकार ने बीजेपी पर ऑपरेशन लोटस के तहत आप विधायकों को तोड़ने का आरोप लगते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. भाजपा लंबे समय से पंजाब में एक मजबूत सिख चेहरे की तलाश कर रही है, जो हिंदू निर्वाचन क्षेत्र को भी स्वीकार्य हो. अमरिंदर सिंह के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अच्छे व्यक्तिगत संबंध हैं. जब वह पंजाब के सीएम थे तो उन्होंने ऑन रिकॉर्ड कहा था कि पीएम संपर्क करने पर हमेशा सहयोग करते हैं. ऐसे में भाजपा इनका किस तरह से उपयोग करती है, यह देखने वाली बात होगी.

यहां फेल हो जाएंगे अमरिंदर सिंह
कैप्टन अमरिंदर सिंह दो बार कांग्रेस से पंजाब के मुख्यमंत्री रहे हैं, लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि भाजपा में शामिल होने के बाद उनकी क्या भूमिका होगी. पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह फिलहाल 80 साल के हैं. वहीं भाजपा 75 से ऊपर नेताओं को टिकट नहीं देती है और वह अपने कई नेताओं को इसी आधार पर साइड लाइन कर चुकी है. ऐसे में कैप्टन के लिए डगर थोड़ी मुश्किल हो सकती है. हालांकि बेटी जय इंदर कौर उनका राजनीतिक काम संभालती हैं. पंजाब के चुनाव में उनकी भूमिका पहली कतार में थी. ऐसे में माना जा रहा है कि उनकी बेटी को भी कोई महत्वपूर्ण भूमिका मिल सकती है और उनके एक दो खास लोगों को अहम जिम्मेदारी मिल सकती है.

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