नई दिल्ली/चंडीगढ़ :पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने गुरुवार को अपने भविष्य की राह चुनते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया. भाजपा मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में जाखड़ ने केंद्र की सत्ताधारी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की. इस अवसर पर भाजपा मीडिया विभाग के प्रभारी अनिल बलूनी, सांसद प्रवेश वर्मा, दिल्ली भाजपा के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा सहित कई अन्य नेता उपस्थित थे. नड्डा ने भाजपा का पट्टा पहना कर जाखड़ का पार्टी में स्वागत किया.
भाजपा अध्यक्ष ने जाखड़ को एक अनुभवी नेता बताया और कहा कि पार्टी से अलग हटकर उन्होंने अपनी एक विशेष छवि स्थापित की है. उन्होंने कहा, 'वह (सुनील जाखड़) किसानों के भी नेता हैं तो युवाओं के दिलों में भी उन्होंने जगह बनाई है. उनकी छवि ईमानदार नेता की रही है.' नड्डा ने कहा कि पंजाब में राष्ट्रवादी ताकतों का प्रथम स्थान भाजपा ले रही है, इसलिए आवश्यक है कि राष्ट्रवादी विचार रखने वाले सभी लोग भाजपा से जुड़ें और पार्टी को मजबूती प्रदान करें.
भाजपा में शामिल हुए जाखड़ भाजपा में शामिल होने के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए जाखड़ ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि उसने पंजाब के मतदाताओं की जाति, समुदाय और धर्म के आधार पर, प्रतिशत में गिनती कर बांटने की कोशिश की और वहां के भाईचारे का अपमान किया. उनका इशारा कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व द्वारा दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाए जाने की ओर था. उन्होंने कहा, पंजाब ने देश के सामने एक नजीर पेश की है कि हर नागरिक बराबर है, चाहे वह किसी जाति या धर्म का हो. पंजाब में कोई दोयम दर्जे का नागरिक नहीं है. पंजाब को जाति, समुदाय और धर्म के आधार पर बांटा नहीं जा सकता.
हालांकि, इस अवसर पर जाखड़ ने कांग्रेस के साथ अपने परिवार के दशकों पुराने संबंधों को याद किया और कुछ पल के लिए वह भावुक भी हो गए. उन्होंने कहा कि उनके लिए कांग्रेस को अलविदा कहना आसान फैसला नहीं था क्योंकि उनके परिवार का कांग्रेस से 50 साल और तीन पीढ़ियों का संबंध रहा है और उसने पार्टी को अपना परिवार समझकर उसके हर अच्छे-बुरे समय में साथ दिया.
मालूम हो कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पिछले महीने कांग्रेस में सभी पदों से हटा दिये गए जाखड़ ने 14 मई को फेसबुक के जरिए देश की सबसे पुरानी पार्टी को गुड लक और गुडबाय कांग्रेस कह दिया था. जाखड़ ने दावा किया कि उन्होंने निजी स्वार्थ के लिए कभी भी राजनीति का इस्तेमाल नहीं किया और हमेशा उन्होंने समाज को जोड़ने का ही काम किया. उन्होंने बताया कि उनके कांग्रेस छोड़ने की नौबत किसी व्यक्तिगत झगड़े के कारण नहीं आई बल्कि झगड़ा राष्ट्रीयता, पंजाब की अखंडता और भाईचारे को लेकर था.
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उन्होंने करतारपुर कॉरिडोर खोले जाने और लाल किले पर सिखों के गुरु तेग बहादुर का 400वां प्रकाश पर्व मनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर सराहना की और कहा कि ऐसे फैसलों से उन्होंने पंजाबियों के दिलों में जगह बनाई है. जाखड़ ने कहा, प्रधानमंत्री पंजाब की नस समझ गए हैं, वह पंजाब की भावना समझ गए हैं. प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल के दौरान पंजाब और पंजाबियों के लिए बहुत सारे काम किए. लेकिन एक पंजाबी के तौर पर शायद किसी को अच्छा ना लगे, उनका एक कदम लाल किले पर 400वां प्रकाश पर्व मनाना, यह मील का पत्थर था. इसकी वजह से लोगों की भावनाएं उनके साथ जुड़ी हैं.
जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जाखड़ तीन बार पंजाब विधानसभा के सदस्य और एक बार गुरदासपुर से सांसद रह चुके हैं. वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष दिवंगत बलराम जाखड़ के पुत्र हैं. बलराम जाखड़ केंद्र सरकार में कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के राज्यपाल भी थे.
पार्टी छोड़ते वक्त ये कहा था :दरअसल कांग्रेस हाईकमान ने हाल ही में सुनील जाखड़ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की थी. पार्टी छोड़ते समय जाखड़ ने फेसबुक पोस्ट में कहा था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी का पार्टी में रहना जरूरी है लेकिन उन्हें खुद देखना होगा कि क्या सही है और क्या गलत है. उन्हें हर चीज में परखा जाना चाहिए. कोई और आपको सही गलत नहीं बताएगा. आपको खुद देखना होगा. अगर आप पार्टी चलाना चाहते हैं तो आपको खुद फैसला करना होगा.