दुबई :पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का लंबी बीमारी के बाद संयुक्त अरब अमीरात के अमेरिकी अस्पताल में रविवार को निधन हो गया. सोशल मीडिया की रिपोर्ट में उनके परिवार के सदस्यों के हवाले से कहा गया है कि पूर्व फोर-स्टार जनरल ने एमाइलॉयडोसिस के कारण दम तोड़ दिया. रिपोर्ट के अनुसार, उनकी बीमारी की जटिलता के कारण उन्हें कुछ हफ़्ते के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 1999 में सफल सैन्य तख्तापलट के बाद मुशर्रफ पाकिस्तान के दसवें राष्ट्रपति बने थे. उन्होंने 1998 से 2001 तक 10वें CJCSC और 1998 से 2007 तक 7वें शीर्ष जनरल के रूप में कार्य किया.
मुशर्रफ का जन्म 11 अगस्त, 1943 को दिल्ली, ब्रिटिश भारत में हुआ था. उन्हें 19 अप्रैल, 1961 को पाकिस्तान सैन्य अकादमी काकुल से कमीशन मिला. उन्हें 1998 में जनरल के पद पर पदोन्नत किया गया और सेना प्रमुख (सीओएएस) के रूप में पदभार संभाला. मुशर्रफ 2016 से दुबई में रह रहे थे. पूर्व राष्ट्रपति पिछले आठ साल से यूएई में इलाज करा रहे थे. पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया ने बताया कि इससे पहले, मुशर्रफ ने 'अपना शेष जीवन' अपने देश में बिताने की इच्छा व्यक्त की थी. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति जल्द से जल्द पाकिस्तान लौटना चाहते थे.
सेवानिवृत्त जनरल की बीमारी 2018 में सामने आई थी जब ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एपीएमएल) ने घोषणा की थी कि वह दुर्लभ बीमारी एमाइलॉयडोसिस से पीड़ित हैं. Amyloidosis पूरे शरीर में अंगों और ऊतकों में Amyloid नामक असामान्य प्रोटीन के निर्माण के कारण होने वाली दुर्लभ, गंभीर स्थितियों के समूह का नाम है. Amyloid प्रोटीन का निर्माण अंगों और ऊतकों के लिए ठीक से काम करना मुश्किल बना देता है. पार्टी के विदेशी अध्यक्ष अफजल सिद्दीकी ने कहा था कि मुशर्रफ की बीमारी ने उनके तंत्रिका तंत्र को कमजोर कर दिया है. उस वक्त उनका इलाज लंदन में चल रहा था.
30 मार्च 2014 को मुशर्रफ पर 3 नवंबर 2007 को पाकिस्तान के संविधान को निलंबित करने का आरोप लगाया गया था. 17 दिसंबर, 2019 को एक पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने मुशर्रफ को उनके खिलाफ उच्च राजद्रोह के मामले में मौत की सजा सुनाई थी. पूर्व सैन्य शासक इलाज के लिए मार्च 2016 में देश छोड़कर दुबई चले गए थे और उसके बाद से पाकिस्तान नहीं लौटे.