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Published : May 30, 2022, 11:18 PM IST

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एनसीबी मुंबई जोनल के पूर्व निदेशक समीर वानखेड़े का ट्रांसफर

मुंबई एनसीबी जोनल के पूर्व डायरेक्टर समीर वानखेड़े का चेन्नई ट्रांसफर कर दिया गया है. ड्रग्स क्रूज मामले में विवाद होने पर उन्हें जांच टीम से हटा दिया गया था. विवादों के बीच वानखेड़े का एनसीबी के साथ कार्यकाल 31 दिसंबर 2021 को खत्म हो गया था और उनका डीआरआई में तबादला कर दिया गया था.

sameer wankhede
समीर वानखेड़े

नई दिल्ली : मुंबई एनसीबी जोनल के पूर्व डायरेक्टर समीर वानखेड़े का चेन्नई ट्रांसफर कर दिया गया है. ड्रग्स क्रूज मामले में विवाद होने पर उन्हें जांच टीम से हटा दिया गया था. समीर वानखेड़े को लेकर कई तरह के विवाद भी सामने आए हैं. तीन दिन पहले ही आर्यन खान मामले में उस वक्त समीर वानखेड़े का नाम सुर्खियों में आ गया था, जब एनसीबी ने इस मामले में आरोप-पत्र दाखिल किया था.

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एनसीबी ने शुक्रवार को मुंबई की एक अदालत में कहा था कि उसने पर्याप्त सबूतों के अभाव में आरोपपत्र में आर्यन का नाम नहीं लिखा है, वानखेड़े की अगुवाई में चलाए गए अभियान के दौरान ही आर्यन और 20 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) से सितंबर 2020 में एनसीबी में तैनाती तक भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी वानखेड़े अक्सर खबरों में रहे. वह उस जांच दल का हिस्सा थे जिसने बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े मादक पदार्थ के एक मामले की जांच की थी. राजपूत ने जून 2020 में अपने फ्लैट में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.

जांच के तौर पर एजेंसी ने बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण, श्रद्धा कपूर, सारा अली खान, रकुल प्रीत सिंह और अन्य से पूछताछ की थी. मुंबई में एनसीबी कार्यालयों में बॉलीवुड सितारों के पूछताछ के लिए आने के कारण वानखेड़े अक्सर जांच को लेकर मीडियाकर्मियों से बातचीत करते थे। जोनल निदेशक के उनके कार्यकाल के दौरान एनसीबी ने मुंबई और गोवा में मादक पदार्थ के कई तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की और करोड़ों रुपये के मादक पदार्थ जब्त किए.

वानखेड़े के दल ने मादक पदार्थ जब्त करने के एक मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के दामाद समीर खान को भी गिरफ्तार किया. लेकिन बाद में एक अदालत ने यह कहते हुए समीर खान को जमानत दे दी कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं है, जिसके बाद मलिक ने वानखेड़े पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए.

वानखेड़े के नेतृत्व में एक दल ने दो अक्टूबर 2021 को मुंबई इंटरनेशनल पोर्ट टर्मिनल पर कोर्डेलिया क्रूज जहाज पर छापा मारा और कथित तौर पर मादक पदार्थ रखने तथा नशा करने के लिए बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान समेत 20 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया.

आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद स्वतंत्र गवाह किरण गोसावी के साथ उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर प्रसारित हो गयी, जिससे छापे के दौरान ऐसे गवाहों की भूमिका को लेकर सवाल खड़ हो गए.

मामला तब और बिगड़ गया जब एक और स्वतंत्र गवाह मनीष भानुशाली भारतीय जनता पार्टी का सदस्य पाया गया, जिससे एनसीबी के गवाहों को लेकर सवालिया निशान खड़े हो गए. छापे के कुछ दिनों बाद गवाह प्रभाकर सैल ने एक हलफनामे में दावा किया कि उसने आर्यन खान को छोड़ने के बदले में वानखेड़े की ओर से 25 करोड़ रुपये मांगे जाने की बातचीत सुनी थी.

किरण गोसावी के अंगरक्षक रहे सैल ने यह भी आरोप लगाया था कि उससे एक खाली पंचनामे पर हस्ताक्षर कराए गए थे. सैल की इस साल दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी थी. इसके तुरंत बाद वानखेड़े और अन्य के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एनसीबी के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह की अगुवाई में एक विशेष जांच दल का गठन किया गया. इस मामले को एनसीबी के उप महानिदेशक (ऑपरेशंस) संजय कुमार सिंह की अगुवाई वाले विशेष जांच दल को सौंप दिया गया। इससे पहले विशेष जांच दल ने वानखेड़े के बयान दर्ज किए.

इस बीच, बंबई उच्च न्यायालय ने 28 अक्टूबर 2021 को आर्यन खान को जमानत देते हुए कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है कि आर्यन ने अपने दोस्तों अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा के साथ मिलकर स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ कानून के तहत अपराध करने की साजिश रची. इसके बाद नवाब मलिक ने वानखेड़े के खिलाफ आरोप लगाए कि उन्होंने आईआरएस अधिकारी की नौकरी पाने के लिए झूठा अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र दिया.

मुंबई पुलिस के साथ ही राज्य के सामाजिक न्याय विभाग ने उनके जाति प्रमाणपत्र की सत्यता की जांच शुरू की। मलिक ने यह भी बताया कि वानखेड़े का नवी मुंबई में एक रेस्त्रां तथा बार है. राज्य के आबकारी विभाग की शिकायत पर ठाणे में कोपरी पुलिस थाने में वानखेड़े के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गयी. शिकायत में कहा गया है कि वानखेड़े ने 1996-97 में सदगुरु होटल के लिए लाइसेंस हासिल करने के वास्ते अपने आप को एक वयस्क बताया जबकि उस समय उनकी आयु कम थी. विवादों के बीच वानखेड़े का एनसीबी के साथ कार्यकाल 31 दिसंबर 2021 को खत्म हो गया और उनका डीआरआई में तबादला कर दिया गया था.

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