लखनऊ: आयुष कॉलेजों में एडमिशन के नाम पर हुए घोटाले में पूर्व आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी पर एसटीएफ ने शिकंजा कस दिया है. सैनी पर आरोप है कि उन्होंने आयुष कालेजों की मान्यता करवाने के नाम पर घूस ली थी. ये खुलासा धर्म सिंह सैनी के पूर्व निजी सचिव राज कुमार दिवाकर के बयानों के बाद हुआ है. एसटीएफ के नोटिस भेजने के बाद गिरफ्तारी की आशंका पर सैनी ने कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
धर्म सिंह सैनी योगी सरकार के पहले टर्म में आयुष मंत्री थे. साल 2022 के चुनाव से पहले वो सपा में चले गए थे. एसटीएफ द्वारा आयुष कॉलेजों में बिना नीट के हुए एडमिशन के मामले में दाखिल की गई चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि यूजी और पीजी कॉलेजों की मान्यता के लिए एक करोड़ 60 लाख रुपये की घूस आई थी. इसका एक बड़ा हिस्सा धर्म सिंह सैनी को दिया गया था.
चार्जशीट के अनुसार पूर्व निदेशक आयुष एसएन सिंह और डॉ. उमाकांत यादव ने एसटीएफ को बयान दिया है कि साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी एक आदेश के चलते डॉ. अकरम और डॉ. अनवर सईद आयुष निदेशालय में डॉ. उमाकांत से मिले थे. अनवर और अकरम ने उमाकांत से कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का जल्द से जल्द अनुपालन करवा दें तो यूजी की मान्यता के लिए एक करोड़ 10 लाख रुपये और पीजी के लिए 50 लाख रुपये दे देंगे.