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Meerut News : पूर्व मंत्री और मीट कारोबारी याकूब कुरैशी की 31 करोड़ रुपये की संपत्ति होगी जब्त

पूर्व मंत्री एवं मेरठ के मीट कारोबारी याकूब कुरैशी की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं. उसकी अवैध तरीके से अर्जित की गई 31 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त की जाएगी.

yaqoob qureshi
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Published : Mar 16, 2023, 10:37 AM IST

याकूब कुरैशी की अवैध संपत्ति होगी जब्त

मेरठ:सलाखों के पीछे बंद पूर्व मंत्री और मीट कारोबारी याकूब कुरैशी की मुश्किलें अभी और भी बढ़ने वाली हैं. मेरठ में उनकी अवैध तरीके से अर्जित की गई करीब 31 करोड़ 77 हजार रुपये की संपत्ति का ब्योरा पुलिस और प्रसाशन तक पहुंच चुका है. आने वाले दिनों में इस संपत्ति के जब्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी.

सोनभद्र जिला कारागार में सलाखों के पीछे बंद याकूब की संपत्ति पर अब पुलिस और प्रशासन बड़ा एक्शन लेने जा रहे हैं. उसकी करोड़ों रुपये की ऐसी संपत्ति चिह्नित की गई है, जो कि अवैध ढंग से कमाई गई. इस बारे में मेरठ के एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि याकूब कुरैशी और उसके परिवार के ऊपर एक मुकदमा पूर्व में पंजीकृत हुआ था. इसमें एक फैक्ट्री बिना किसी लाइसेंस के अवैध ढंग से संचालित हो रही थी और उसके उत्पाद को बिक्री भी किया जा रहा था. उन्होंने बताया कि उस मामले में जो मुकदमा दर्ज किया गया था, उसमें उसी के आधार पर एक और मुकदमा गैंगस्टर एक्ट में भी दर्ज किया गया था. इसमें उनकी 30 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति चिह्नित की गई है. इसमें संपत्ति जब्तीकरण की प्रक्रिया प्रचलित है. शीघ्र ही इसमें कार्रवाई की जाएगी.

9 महीने से फरार चल रहे पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी अब सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं. 7 जनवरी को दिल्ली के चांदनी महल इलाके से हुई गिरफ्तारी के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया. मेरठ की सड़कों पर 1989 तक याकूब ठेले पर नींबू बेचा करते थे. फिर गुड़ के धंधे में उतरे. प्रॉपर्टी डीलर का काम किया और बाद में मायावती सरकार में मंत्री भी बने.

ज्वाइंट डायरेक्टर अभियोजन आलोक पांडेय ने बताया कि संक्षिप्त रूप से वह कहना चाहेंगे कि याकूब और उनके बेटों पर गैंगस्टर एक्ट में जो मुकदमा दर्ज किया है, उसमें अवैध रूप से अर्जित की गई संपत्तियों के विषय में सम्पत्ति जब्त करने की कार्रवाई आयोजित की जा रही है. उसका परिगणन कर लिया गया है. वे बताते हैं कि लगभग 31 करोड़ 77 हजार रुपये की कीमत की सम्पत्ति जब्त करने की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि इसमें अलग-अलग संपत्तियों के अलावा करीब दो दर्जन से अधिक वाहन भी शामिल हैं. वह बताते हैं कि गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई कोर्ट में चल रही है. जबकि, सम्पत्ति कुर्क की कार्रवाई जिला मजिस्ट्रेट कोर्ट में की जा रही है. उन्होंने बताया कि प्रथमदृष्टया जांच में जो चीजें सामने आई हैं, उसके आधार पर यह कार्रवाई की जा रही है. फिलहाल इस पूरे मामले में याकूब और उसके परिवार की सम्पत्ति के जब्तीकरण की अनुमति के लिए डीएम को फाइल गुरुवार या शुक्रवार को भेज दी जाएगी. इसके बाद जैसे ही डीएम से अनुमति मिलेगी कार्रवाई की जाएगी.

सोनभद्र जेल में बंद हैं पूर्व मंत्री

बता दें कि याकूब कुरैशी फिलहाल सोनभद्र जेल में बंद है. जबकि, उसके दोनों बेटे इमरान और फिरोज जमानत पर बाहर हैं. दिसंबर में गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा याकूब कुरैशी, उनकी पत्नी शमजिदा बेगम, बेटे फिरोज और इमरान समेत मैनेजर मोहित त्यागी, मुजीब और फैजाब के खिलाफ दर्ज किया गया था. इस मामले में शमजिदा और मोहित अग्रिम जमानत पर हैं, जबकि याकूब, मुजीब और फैजाब अभी जेल में बंद हैं. बता दें कि याकूब की 26 संपत्ति और दो दर्जन से अधिक वाहनों की कीमत का ब्योरा हासिल किया जा चुका है.

अवैध ढंग से संचालित मीट फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद बढ़ीं मुश्किलें

बीते साल 30 मार्च की रात को मेरठ के हापुड़ रोड़ पर अल्लीपुर में स्थित पूर्व मंत्री की मीट फैक्ट्री में पांच करोड़ का मीट पकड़ा गया था. इसके बाद से याकूब और उनके परिवार के खिलाफ लगातार पुलिस और प्रशासन का एक्शन जारी है.

विवादों से है याकूब का गहरा नाता

याकूब कुरैशी का नाम सबसे पहले तब सुर्खियों में आया था, जब साल 2006 में उसने डेनमार्क के एक कार्टूनिस्ट का सिर कलम करने वाले को 51 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा कर दी थी. फरवरी 2011 में याकूब कुरैशी ने मेरठ में हापुड़ अड्‌डे पर सिपाही चहन सिंह बालियान को गाड़ी को आगे न जाने पर थप्पड़ जड़ दिया था. सिपाही ने इंसाफ के लिए मेरठ से लेकर लखनऊ तक गुहार लगाई थी.

मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने हाजी याकूब कुरैशी के स्वामित्व के एक अस्पताल को कथित तौर पर बिना लाइसेंस के चलते पाया था, जिसे बाद में सील कर दिया गया. मेरठ के शास्त्री नगर में कुरैशी परिवार के स्वामित्व वाले एक स्कूल को भी बंद कर दिया गया था. क्योंकि, मैनेजमेंट के पास किसी भी वैध शिक्षा बोर्ड से मान्यता का प्रमाण नहीं था.

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