बाराबंकी: जिस मजहब की शुरुआत ही इकरा यानी पढ़ शब्द से शुरू हुई हो, वही मजहब आज सबसे पीछे है. इस मजहब के लोग यह समझते हैं कि सिर्फ 'अल्लाहु अकबर' कह देने से ही तरक्की होगी, लेकिन, ऐसा नही है. यह कहना है जामिया मिलिया इस्लामिया के पूर्व कुलपति और दिल्ली के उप राज्यपाल रहे नजीब जंग का. शिक्षा को लेकर तमाम काम कर रहे नजीब जंग ने अप्रत्यक्ष रूप से मुसलमानों पर कटाक्ष किया और साथ ही नसीहत भी दी.
नजीब जंग रविवार को बाराबंकी में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और आजाद भारत की पहली सरकार के संचार मंत्री रहे स्वर्गीय रफी अहमद किदवई की याद में बन रहे एक डिग्री कॉलेज की आधारशिला रखने आए थे. इस मौके पर एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए नजीब जंग ने कहा कि आज तरक्की करने का केवल एक ही इंस्ट्रूमेंट है, और वह है पढ़ाई.
बाराबंकी-बहराइच हाईवे के किनारे जिला मुख्यालय से तकरीबन 15 किमी दूर स्थित मसौली कस्बे में फरवरी 1894 में पैदा हुए रफी अहमद किदवई की याद में उनके नाम से ट्रस्ट के लोगों और उनके परिवार ने डिग्री कॉलेज खोलने का फैसला किया और रविवार को बाकायदा इसका शिलान्यास किया गया. शिलान्यास करने पहुंचे दिल्ली के पूर्व एलजी नजीब जंग ने शिक्षा को एक अहम जरूरत बताया.उन्होंने कहा कि मुस्लिम, दलित और पिछड़ों को शिक्षा क्षेत्र में कैसे आगे बढ़ाया जाए, इसको लेकर उन्होंने एक संस्था बनाई. संस्था ने जब सर्वे किया तो पता चला कि यूपी, बिहार और मध्यप्रदेश में ये शिक्षा के मामले में बहुत पीछे हैं. इस मौके पर उन्होंने विशेष रूप से मुस्लिमों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 'अल्लाहु अकबर' से तरक्की नहीं होने वाली.
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