बेंगलुरु : जद (एस) नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने शुक्रवार को नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के लिए 'पाखंडी कांग्रेस' की आलोचना की. कांग्रेस और कुछ अन्य राजनीतिक दलों ने 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन से यह कहते हुए किनारा करने का फैसला किया है कि यह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा किया जाना चाहिए था, न कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा.
पूर्व प्रधानमंत्री और जद(एस) सुप्रीमो एच.डी. देवेगौड़ा के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के अपने फैसले की घोषणा के एक दिन बाद, उनके बेटे कुमारस्वामी ने कहा कि कांग्रेस द्वारा किया गया आह्वान 'तुच्छ राजनीति' को आगे बढ़ाने के उसके दोहरे मापदंड को दर्शाता है, जिसका मकसद 'कुछ समुदायों को खुश करके' वोट अपने पक्ष में करना है.
जद (एस) नेता ने हालांकि स्पष्ट किया कि इस कदम (देवेगौड़ा के नए संसद भवन के उद्घाटन में भाग लेने) को भाजपा के प्रति उनकी पार्टी के नरम रुख के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. कुमारस्वामी ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जद (एस) ने इस विषय पर विस्तृत चर्चा की और आखिरकार इस बात पर सहमति बनी कि वह 28 मई को उद्घाटन में शामिल होगी.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि संसद भवन किसी पार्टी ने नहीं, बल्कि करदाताओं के पैसे से बनाया गया है. हालांकि, कांग्रेस और कुछ अन्य दलों ने यह कहते हुए उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया है कि इसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए, जो आदिवासी समुदाय से आती हैं. कुमारस्वामी ने कांग्रेस को याद दिलाया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा भवन का शिलान्यास सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने किया था, न कि राज्यपाल ने.