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रेप पीड़िता आत्मदाह मामला : अमिताभ ठाकुर 9 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजे गये

पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर और बसपा सांसद अतुल राय को गिरफ्तार कर लिया गया है. दोनों पर सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह करने वाली रेप पीड़िता को उकसाने का आरोप है. शुक्रवार को शाम को पूर्व आईपीएस अधिकारी को कड़ी सुरक्षा में कोर्ट में पेश किया गया. जिसके बाद कोर्ट ने अमिताभ ठाकुर को 9 सितंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.

अमिताभ ठाकुर गिरफ्तार
अमिताभ ठाकुर गिरफ्तार

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Published : Aug 27, 2021, 3:35 PM IST

Updated : Aug 28, 2021, 4:46 PM IST

लखनऊ :सुप्रीम कोर्ट के बाहर रेप पीड़िता के आत्मदाह करने के मामले में रेप मामले की जांच कर रही SIT ने पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर और बसपा सांसद अतुल राय पर शुक्रवार को हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया. केस दर्ज होने के चंद घंटों में हजरतगंज पुलिस ने अमिताभ ठाकुर को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया. अमिताभ ठाकुर ने ट्वीट कर ये जानकारी साझा की.

शुक्रवार को शाम को पूर्व आईपीएस अधिकारी को कड़ी सुरक्षा में कोर्ट में पेश किया गया. जिसके बाद कोर्ट ने अमिताभ ठाकुर को 9 सितंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.

अमिताभ ठाकुर पर आत्मदाह के लिए उकसाने, आपराधिक षड्यंत्र रचने और कूट रचित दस्तावेज बनाने के आरोप में केस पंजीकृत किया गया है. उन्हें हजरतगंज कोतवाली लाया गया. बताते चलें कि आज सुबह ही अमिताभ ठाकुर ने अपनी पार्टी 'अधिकार सेना' का गठन किया था और पुलिस ने उन्हें घर में ही नजर बन्द कर दिया था.

बता दें कि अमिताभ ठाकुर को शुक्रवार को जब पुलिस पकड़ने पहुंची, तो वे गाड़ी में बैठने से इनकार कर रहे थे, जिसके चलते पुलिस ने उन्हें जबरन गाड़ी में बैठाकर ले गई.

राकेश त्रिपाठी का बयान

अमिताभ ठाकु की गिरफ्तारी को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेख यादव ने ट्वीट किया है.

गौरतलब है कि बीते 21 अगस्त को दिल्ली के सुप्रीम कोर्ट के बाहर रेप पीड़िता और उसके एक साथी ने खुदकुशी करने का प्रयास किया था. इस दौरान दोनों ने फेसबुक पर लाइव वीडियो में बसपा सांसद अतुल राय पर रेप करने और अमिताभ ठाकुर पर सांसद के इशारे पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था.

मुख्यमंत्री के आदेश पर मामले की जांच IPS नीरा रावत और आरके विश्वकर्मा को सौंपी गई थी. जांच समिति को दो हफ्ते में सरकार को रिपोर्ट सौंपनी है. इस पर जांच कमेटी ने गोरखपुर जा रहे अमिताभ ठाकुर को बीते 23 अगस्त को तलब कर लखनऊ से बाहर जाने पर रोक लगाते हुए हाउस अरेस्ट कर लिया था.

बीते 24 जून को उन्हें बयान के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड बुलाया गया था, जिसमें अमिताभ ठाकुर ने जांच समिति से दो मेल, बिंदुवार सवालों और ऑडियो-वीडियो लेकर जवाब देने के लिए समय मांगा था. अमिताभ ने जांच समिति के समक्ष पेश होकर बिंदुवार सभी सवालों के जवाब ऑडियो-वीडियो और निर्दोष होने के साक्ष्य प्रस्तुत किए थे.

पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर गिरफ्तार

पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी के मामले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि, भूतपूर्व पुलिस अधिकारी के साथ पुलिस का अभूतपूर्व प्रदर्शन अपराध है. उन्होंने ट्वीट करके कहा है कि, भूतपूर्व पुलिस के विरुद्ध भाजपा सरकार की पुलिस का अभूतपूर्व कार्य! भाजपाई राजनीति लोगों के बीच दरार पैदा करके ही जिंदा है. अब भाजपा सरकार के दबाव के कारण पुलिस ही पुलिस के खिलाफ काम करने पर मजबूर है. एक सेनानिवृत आईपीएस के साथ ऐसा व्यवहार अक्षम्य है.

वहीं रेप पीड़िता के आत्मदाह मामले में हुई गिरफ्तारी पर बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता फैजान खान ने कहा कि संविधान के हिसाब से देश के कानून चलते हैं. कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई होनी चाहिए. अगर निष्पक्ष जांच में वह दोषी पाए जाते हैं तो कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन यूपी में सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है, जो नहीं करना चाहिए, योगी सरकार सत्ता का दुरुपयोग करके काम कर रही है. इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए.

अखिलेश यादव के बयान पर भाजपा के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने पलटवार किया है. उन्होंने ट्वीट करके कहा कि, बलात्कार के मामलों में समाजवादी पार्टी का रवैया हमेशा हैरान करता है. 'लड़के हैं लड़कों से गलतियां हो जाती है', नीति पर हमेशा बलात्कारियों के साथ खड़ी होती है. पहले रेप आरोपी अतुल राय के पक्ष में वोट मांगे, अब रेप विक्टिम के डाईंग डिक्लेरेशन के बाद भी अमिताभ ठाकुर के साथ खड़े हो गए. आखिर अखिलेश यादव रेप विक्टिम के साथ खड़े होने के बजाय बलात्कारियों और उनके साथियों के साथ क्यों खड़े हो जाते हैं.

ये है पूरा मामला

बीते 18 दिसम्बर 2020 को पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने मऊ जिले की घोसी लोकसभा सीट से सांसद अतुल राय के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा लिखवाने वाली युवती और उसके सहयोगी के खिलाफ केस दर्ज कराया था. अमिताभ ने युवती और उसके सहयोगी पर उन पर और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ अशिष्ट टिप्पणी का आरोप लगाया था.

आईपीएस ठाकुर ने एफआईआर में आरोप लगाया था कि बीते 6 नवम्बर 2020 को रात 9 बजे युवती और 7 नवम्बर को 11 बजे युवती के सहयोगी सत्यम राय ने अमिताभ ठाकुर को फोन कर धमकाया था. यही नहीं, युवती ने सांसद अतुल राय से पैसे लेकर राजनीतिक पार्टी के एजेंट के रूप में काम करने का आरोप भी लगाया था. इसके बाद दोनों ने वीडियो जारी कर अतुल राय के एजेंट के तौर पर अमिताभ पर काम करने का मनगढ़ंत आरोप लगाया था.

पढ़ें - SC के बाहर आत्मदाह : CJI से संज्ञान लेने की अपील, मृतका के परिजनों का सांसद पर गंभीर आरोप

दोनों ने आईपीएस अमिताभ ठाकुर की बेटी को टारगेट करते हुए आपत्तिजनक बातें भी कही थी. उसके बाद दोनों उनके गोमतीनगर स्थित आवास पर गए, जहां उन्होंने जबरदस्ती फेसबुक लाइव ऑन कर वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू कर दी. अमिताभ की पत्नी डॉक्टर नूतन ठाकुर से सहमति लिए बगैर पूरी बातचीत को जबरदस्ती रिकॉर्ड किया और आपत्तिजनक बातें कही.

आईपीएस ठाकुर के FIR के लिए तहरीर देने पर गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया था. फिर अमिताभ ने इस मामले में वाराणसी के थाना लंका में मुकदमा दर्ज कराया था. अमिताभ ठाकुर ने लखनऊ पुलिस को बताया कि दोनों मामले अलग हैं. इसके बाद लखनऊ पुलिस ने अमिताभ ठाकुर की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया था.

Last Updated : Aug 28, 2021, 4:46 PM IST

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