मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए सोमवार को यहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए. उनसे मनी लॉन्ड्रिंग के संबंध में पूछताछ की जाएगी.
अनिल देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय ने कई समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था. हालांकि बीते कई महीनों से वे ईडी के समन को नजरअंदाज करते हुए पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए थे. ईडी के समक्ष हाजिर ना होने के उन्होंने अलग-अलग कारण भी दिए थे.
एक वीडियो संदेश में अनिल देशमुख ने कहा कि मैंने अदालत के सामने अपना पक्ष रखा है. मैंने और मेरे कर्मचारियों ने जांच में सहयोग किया है. परमबीर सिंह ने मुझ पर झूठे आरोप लगाए हैं. ये भी देखना चाहिए कि क्या परमबीर सिंह अब देश छोड़कर भाग गए हैं?'
देशमुख पर 100 करोड़ की रिश्वत और वसूली का आरोप
अधिकारियों ने बताया कि संघीय जांच एजेंसी महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में कथित 100 करोड़ रुपये की रिश्वत और वसूली मामले में की जा रही आपराधिक जांच के संबंध में धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 71 वर्षीय नेता का बयान दर्ज करेगी. वसूली के आरोपों के कारण देशमुख को अप्रैल में इस्तीफा देना पड़ा था.
देशमुख इस मामले में ईडी द्वारा जारी किए गए कम से कम चार सम्मनों पर पेश नहीं हुए, लेकिन बंबई हाईकोर्ट के गत सप्ताह इन सम्मनों को रद्द करने से इनकार करने के बाद वह एजेंसी के समक्ष पेश हुए हैं. ईडी ने देशमुख और अन्य के खिलाफ मामला तब दर्ज किया जब सीबीआई ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाए रिश्वत के आरोपों से जुड़े