नई दिल्ली:शनिवार सुबह से दोपहर तक दिल्ली की सियासत और सोशल मीडिया पर उथलपुथल मची रही. जैसे ही जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को हिरासत में लेने की सूचना सामने आई, सोशल मीडिया पर तरह-तरह की चर्चा तेज हो गई. हालांकि, थोड़ी देर बाद ही दिल्ली पुलिस ने बयान जारी कर इसे भ्रामक सूचना करार दिया और कहा कि मलिक को डिटेन नहीं किया गया है. खबर है कि दोपहर 3 बजे के आसपास पूर्व राज्यपाल आरके पुरम थाने से वापस अपने घर चले गए हैं. अब आइए जानते हैं सुबह से लेकर दोपहर तक की कहानी...
दिल्ली के आरके पुरम के सोम विहार में पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का आवास है, जहां पर शनिवार को उनसे मिलने के लिए हरियाणा से किसान नेता आए थे. इसी बीच वहां पर एक पंचायत की जा रही थी. इसी बीच पुलिस वहां पहुंच गई और लोगों को हटाने लगी. तब यह बात सामने आई कि पुलिस ने मलिक को डिटेन कर लिया है. यह बात जैसे ही सामने आई लोगों की प्रतिक्रिया आने लगी. विपक्ष ने भी निशाना साधा.
पुलिस ने बताया भ्रामक खबरः थोड़ी देर बाद दिल्ली पुलिस ने बयान जारी कर इसका खंडन किया. मलिक के आवास पर पहुंचने पर पुलिस ने उन्हें बताया कि वे आवासीय क्षेत्र में बिना अनुमति के कोई बैठक नहीं कर सकते हैं. साउथ वेस्ट दिल्ली के डीसीपी मनोज सी ने बताया कि पुलिस ने पूर्व राज्यपाल को हिरासत में नहीं लिया है. वह अपने समर्थकों के साथ पुलिस स्टेशन आरके पुरम में अपनी इच्छा से आए. हमने उन्हें सूचित किया है कि वह अपनी इच्छा से जा सकते हैं.
दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर सागरप्रीत हुड्डा ने बताया कि स्थानीय पुलिस ने आयोजकों और प्रतिभागियों को पार्क छोड़ने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने पार्क छोड़ने से इनकार कर दिया. इसके बाद साइट छोड़ने से इनकार करने वाले 24 लोगों को हिरासत में लिया गया और थाने जाफरपुर कलां भेज दिया गया. इस बीच मलिक पार्क में आए तो उन्हें भी इसकी जानकारी दी गई. इसके बाद वह अपनी मर्जी से दोपहर करीब साढ़े 12 बजे 20 समर्थकों के साथ आरके पुरम थाना पहुंचे. वह करीब 2 घंटे वहां रहे और फिर निकल गए. दोपहर करीब तीन बजे उनके 24 समर्थकों को जाफरपुर कलां थाना से भी रिहा कर दिया गया.
मलिक के आवास होनी थी खाप पंचायतःबताया जा रहा है कि पूर्व राज्यपाल ने शनिवार को आरके पुरम स्थित अपने निवास सोम विहार में एक डीडीए पार्क में सहभोज आयोजित किया था, जिसमें दोपहर 12 बजे के लगभग जाट समाज के 300 प्रतिनिधि मिलने आने वाले थे. इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर चर्चा भी की जानी थी, लेकिन पुलिस की तरफ से इस कार्यक्रम के लिए कोई परमिशन नहीं ली गई थी. इसके बाद मौके पर पुलिस पहुंची और लोगों को हटाया. इसी बात से नाराज खाप पंचायत से जुड़े लोग और पूर्व राज्यपाल खुद आरके पुरम थाने पहुंच गए और अपनी गिरफ्तारी दी, लेकिन पुलिस की तरफ से कहा जा रहा है कि हमारी तरफ से किसी को भी हिरासत में नहीं लिया गया है.