पूर्व सीएम बोम्मई ने कांग्रेस को दी चुनौती, 'दम है तो आरएसएस और बजरंग दल पर रोक लगाओ' - मुख्यमंत्री सिद्धारमैया
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार पर बजरंग दल को बैन करने के वादे को लेकर निशाना साधा. उन्होंने राज्य में कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा कि संघ परिवार को प्रतिबंध लगाने की ताकत किसी में नहीं है.
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई
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Published : May 26, 2023, 6:47 PM IST
बेंगलुरु: कर्नाटक राज्य के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई ने मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार के पास आरएसएस और बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की कोई शक्ति नहीं है. वे सभी इस तरह के बयान तुष्टीकरण के लिए दे रहे हैं. पहले भी आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने का काम होता था. लोगों ने उन्हें घर भेज दिया है. संघ परिवार पर प्रतिबंध लगाने की ताकत किसी में नहीं है.
पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डीसीएम डीके शिवकुमार को आरएसएस और बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की चुनौती दी है, अगर उनके पास ताकत है. आरटी नगर आवास पर पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नई सरकार बन गई है. सीएम और डीसीएम के साथ ही 8 लोग मंत्री भी हैं. अगर आप उन 8 मंत्रियों को बात करते देखें तो साफ है कि ये नफरत और बदले की राजनीति करने लगे हैं.
उन्होंने कहा कि उनके लिए विकास से ज्यादा बदले की भावना और नफरत की राजनीति महत्वपूर्ण है. वे जो कुछ भी करेंगे, हम उसका सामना करने के लिए तैयार हैं. न केवल हम इससे प्रभावी ढंग से निपटते हैं, बल्कि हम उनके विचारों को भी पीछे धकेलते हैं. वे आरएसएस और बजरंग दल के बैन की बात कर रहे हैं. उनके पास किसी भी संघ पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार नहीं है, यह केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है. यह सब जानते हुए भी तुष्टीकरण की राजनीति करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिसे वो खुश कर रहे हैं वो भी उन्हें खुश कर रहे हैं.
हम इसे एक चुनौती के रूप में लेते हैं
बोम्मई ने कहा कि मैं सिद्धारमैया से पूछता हूं कि इस पर आपकी क्या राय है.? क्या आप अपने मंत्री से सहमत हैं? यह राज्य के लोगों को स्पष्ट किया जाना चाहिए कि कैसे? संघ परिवार पर कोई प्रतिबंध नहीं लगा सकता. जो लोग प्रतिबंध लगाना चाहते थे, उन्हें पहले ही घर भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि हम इस बयान को एक चुनौती के रूप में लेंगे और इससे राजनीतिक रूप से निपटेंगे. दोनों नेताओं के बीच असहमति के चलते कैबिनेट के पहले चरण के गठन को लेकर रात तीन बजे तक रस्साकशी चली.
उन्होंने कहा कि अब प्रतियोगिता का दूसरा चरण चल रहा है. यह सब देखकर ऐसा लगता है कि यहां एक तरह से गठबंधन की सरकार है. पिछली बार यहां दो दलों की गठबंधन सरकार थी. वह सरकार पिछले लोकसभा चुनाव तक थी. पूर्व सीएम ने भविष्यवाणी की कि एक ही पार्टी होने के बावजूद दो पार्टियों की तरह गठबंधन की सरकार है और यह लोकसभा चुनाव तक चलेगी. प्रियंक खड़गे हमें उत्साहित कर रहे हैं. उन्होंने घोषणा पत्र में बजरंग दल को बंद का जिक्र किया, इसलिए सीएम को इस पर अपना पक्ष रखना चाहिए.
बोम्मई ने कहा कि यह कहकर समय बर्बाद मत करें. आप काम करते हैं और लोग गारंटी के लिए चिल्लाने लगते हैं. वर्तमान बिल का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है. अगर लोगों को स्वेच्छा से बस टिकट नहीं लेने का फैसला करना है, तो हमें उनके लिए खड़ा होना होगा. उन्हें दूसरी कैबिनेट तक का इंतजार क्यों करना चाहिए? जिन्होंने सभी महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा की बात कही थी, वे अब शर्तें क्यों लगा रहे हैं? यह सिर्फ एक चाल है. आप तमिलनाडु के लोगों को कैसे पहचानते हैं? हम गारंटी लागू करने के लिए लोगों से लड़ेंगे.
कांग्रेस की इस आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए कि भाजपा में पहले विपक्षी दल का नेता चुना जाना चाहिए, पूर्व सीएम बोम्मई ने कहा कि उन्हें हमारी इतनी चिंता क्यों है? लोगों ने उन्हें जीत लिया है. पहले उन्हें लोगों की मांग पूरी करने दीजिए. हम जानते हैं कि विपक्ष का नेता कब नियुक्त किया जाना है, आने वाली विधानसभा में विपक्ष का नेता कौन होगा. तो हमारी चिंता मत करो. उन्होंने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि आप अपना काम कीजिए और करके दिखाइए.