नई दिल्ली:सौ से अधिक पूर्व नौकरशाहों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उम्मीद जतायी कि वह 'नफरत की राजनीति' को समाप्त करने का आह्वान करेंगे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नियंत्रण वाली सरकारों में कथित तौर पर इस पर 'कठोरता से' जोर दिया जा रहा है. पूर्व नौकरशाहों ने एक खुले पत्र में कहा, हम देश में नफरत से भरी तबाही का उन्माद देख रहे हैं, जहां बलि की वेदी पर न केवल मुस्लिम और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्य हैं, बल्कि संविधान भी है.
पत्र पर 108 लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं और इनमें दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह, पूर्व गृह सचिव जी. के. पिल्लई और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रधान सचिव टी. के. ए. नायर शामिल हैं. पत्र में कहा गया है, पूर्व लोक सेवकों के रूप में, हम आम तौर पर खुद को इतने तीखे शब्दों में व्यक्त नहीं करना चाहते हैं, लेकिन जिस तेज गति से हमारे पूर्वजों द्वारा तैयार संवैधानिक इमारत को नष्ट किया जा रहा है, वह हमें बोलने और अपना गुस्सा तथा पीड़ा व्यक्त करने के लिए मजबूर करता है.