नई दिल्ली/पटना: रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी के सामने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी पेश हुईं. बता दें कि लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी दिल्ली में ही हैं. दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने उनसे अकेले में पूछताछ की है. राबड़ी देवी गुरुवार की सुबह लगभग 11 बजे ईडी दफ्तर पहुंचीं थी, लगभग 6 घंटे तक चली पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें वापस जाने की इजाजत दी.
ये भी पढ़ें- Land For Job Scam: 'तुम मुझे जमीन दो, मैं तुम्हें नौकरी दूंगा'.. सुशील मोदी का लालू यादव पर निशाना
ईडी कर रही राबड़ी देवी से पूछताछ: गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने लालू प्रसाद के करीबियों से लगभग पूछताछ कर ली है. लालू के रेल मंत्री रहते नौकरी के बदले जमीन घोटाले का आरोप लगा है. सीबीआई ने भी अक्टूबर 2022 में लालू और राबड़ी देवी समेत 14 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. ये सभी आरोपी अभी इस केस में जमानत पर चल रहे हैं. ईडी ने भी इससे संबंधित लालू यादव और राबड़ी देवी के करीबियों के ठिकानों पर छापा मारकर तमाम तथ्य और सबूत जुटाए हैं. आरोप पत्र में लालू यादव उनकी दो बेटियां मीसा भारती और हेमा यादव भी शामिल हैं.
सीबीआई ने दर्ज किया है केस: सीबीआई के आरोप पत्र के मुताबिक ग्रुप डी में 12 लोगों को नौकरी दी गई इसके बदले अभ्यर्थियों से 1 लाख 5 हजार 292 वर्ग फीट जमीन लिखवाई गई. सीबीआई ने दो दिन पहले भी लालू के विश्वासपात्र आरजेडी के राज्यसभा सांसद प्रेम चंद गुप्ता और आरजेडी की ही विधायक किरण देवी के ठिकानों पर छापा मारा था. प्रेम चंद गुप्ता का दिल्ली, गुरुग्राम और नोएडा के कई ठिकानों पर सीबीआई ने छापा मारकर तलाशी ली. ठीक इस कार्रवाई के दो दिन बात ईडी के सामने अब राबड़ी देवी पेश हुईं हैं.
क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम?:यूपीए कीमनमोहन सिंह की सरकार में 2004 से 2009 तक लालू यादव रेल मंत्री थे. इसी दौरान रेलवे में गलत तरीके से नियुक्ति देने का आरोप है. अभ्यर्थियों से नौकरी के बदले जमीन और फ्लैट लिए गए. जो घुमा फिराकर लालू परिवार और उनके करीबियों के नाम ट्रांसफर किए गए. इसको लेकर सीबीआई और ईडी लगातार छापेमारी और जांच कर रही है. इसी क्रम में तेजस्वी यादव के दिल्ली स्थिति न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के फ्लैट में भी ईडी ने छापा मार कार्रवाई की थी. सूत्र बताते हैं कि अस्थाई नौकरी तो मिल जाती थी लेकिन जब सौदा पक्का हो जाता था तब अभ्यर्थियों को स्थाई कर दिया जाता था.