लखनऊ.यूपीविधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और दीदारगंज क्षेत्र से विधायक सुखदेव राजभर का सोमवार को निधन हो गया. वह कई दिनों से बीमार चल रहे थे. उन्हें लखनऊ के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके निधन पर सीएम योगी आदित्यनाथ सहित कई नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है.
शोक संदेश में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सुखदेव राजभर एक वरिष्ठ जनप्रतिनिधि थे. संसदीय नियमों एवं परम्पराओं की उन्हें गहरी जानकारी थी. वे निर्धन और कमजोर वर्गाें के उत्थान के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहते थे. मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शान्ति की कामना करते हुए सुखदेव राजभर के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है.
वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने ट्वीट करके लिखा है कि अत्यंत दु:खद! यूपी विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ राजनेता सुखदेव राजभर का निधन अपूरणीय क्षति है. शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना, दिवंगत आत्मा को भगवान शांति दे. 'सामाजिक न्याय' को समर्पित आपका राजनीतिक जीवन सदैव प्रेरणा देता रहेगा, विनम्र श्रद्धांजलि!
बता दें, सुखदेव राजभर यूपी की राजनीति में एक बड़ा चेहरा माने जाते थे. उनकी गिनती बड़े रणनीतिकारों में होती थी. बताया जाता है कि कांशीराम के साथ मिलकर उन्हों बीएसपी की नींव रखी थी. सुखदेव राजभर मूलरूप से आजमगढ़ जिले के बड़गहन गांव के निवासी थे. उन्होंने वकालत की थी और उनकी गिनती अच्छे वकीलों में होती थी.
राजनीतिक सफर
- सन् 1991 के विधानसभा चुनाव में राम लहर के बाद भी वे बीजेपी के नरेंद्र सिंह को हराकर लालगंज से पहली बार विधायक बने थे.
- 1991-1992 में वे अनुसूचित जाति जनजाति तथा विमुक्त जातियों संबंधी संयुक्त समिति के सदस्य रहे.