नई दिल्ली:कुछ समय पहले मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आया था कि नेपाली गोरखा रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप में शामिल हो जाएंगे. इस रिपोर्ट के आने के कुछ दिनों बाद पूर्व भारतीय सेना प्रमुख जनरल वेद प्रकाश मलिक ने कहा है कि भारत को बेहद सतर्क रहना होगा और ऐसे लोगों को काम पर नहीं रखना चाहिए, जो बाहर भाड़े के सैनिकों के रूप में काम कर रहे हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत में पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि जब सेना में भर्ती के लिए विचार किया जा रहा हो, तो हमें उन लोगों को नौकरी पर नहीं रखना चाहिए जो बाहर भाड़े के सैनिक के रूप में काम कर रहे हैं.
प्रश्न-1. कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि बेहतरीन सुरक्षा बलों में से एक माने जाने वाले नेपाली गोरखा अब रूस के वैगनर ग्रुप में शामिल होंगे। आप इसे कैसे देखते हैं?
उत्तर- हम कोई टिप्पणी नहीं कर सकते, क्योंकि वे लोग हर जगह नौकरियों की तलाश में हैं और मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर वे पहले से ही नेपाल के बाहर सुरक्षा कर्तव्यों में शामिल हो गए हैं या कर रहे हैं. लेकिन सवाल यह है कि एक बार जब इस तरह की कोई चीज़ रिकॉर्ड हो जाती है, तो हमें उनका उपयोग करते समय सावधान रहना होगा. वहां हमें इस बात को लेकर बेहद सतर्क रहना होगा कि जब सेना में भर्ती के लिए विचार किया जा रहा हो, तो हमें उन लोगों को नौकरी पर नहीं रखना चाहिए, जो बाहर भाड़े के सैनिक के रूप में काम कर रहे हों.
प्रश्न-2. नेपालियों ने अग्निपथ योजना पर कड़ा असंतोष व्यक्त किया है और ऐसी खबरें हैं कि नेपाली गोरखाओं के वैगनर से जुड़ने के पीछे यह भी कारण हो सकता है?
उत्तर- मैं इससे सहमत नहीं हूं. क्योंकि जहां तक मेरी जानकारी है, नेपाली गोरखा भारतीय सेना में शामिल होने के इच्छुक हैं. हमें कभी कोई दिक्कत नहीं हुई. भारतीय सेना में शामिल होने के लिए हमारे पास स्वयंसेवकों की कभी कमी नहीं थी.