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बालिका सुधार गृह के भोजन में नशा खिलाकर हो रहा 'गंदा काम', जांच के लिए टीम गठित

बिहार के नवादा जिले की एक लड़की ने नवादा सिविल कोर्ट ( Nawada Civil Court ) में पत्र देकर आरोप लगाया है कि बालिका गृह में रात के भोजन में नशीला पदार्थ मिलाकर लड़कियों के साथ यौन शोषण किया जाता है. हालांकि इस मामले में बैकफुट पर आए प्रशासन ने जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है, जिसकी रिपोर्ट दो-तीन दिन में आने की संभावना है. पढ़ें बिहार में सनसनी फैलान वाली पूरी रिपोर्ट.

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Published : Aug 12, 2021, 4:28 PM IST

गया :बोधगया में स्थित बालिका सुधार गृह ( Gaya Shelter Home ) पर संगीन आरोप लगा है. आरोप है कि यहां पर लड़कियों के साथ गंदा काम किया जाता है. नवादा जिले की रहने वाली एक लड़की ने नवादा सिविल कोर्ट ( Nawada Civil Court ) में पत्र देकर आरोप लगाया है कि बालिका गृह में रात के भोजन में नशीला पदार्थ मिलाकर लड़कियों के साथ यौन शोषण किया जाता है.

नवादा की रहनेवाली एक लड़की को नवादा सिविल कोर्ट के आदेश पर 13 जुलाई से 10 अगस्त तक बोधगया बालिका गृह में रखा गया था. जब लड़की दस अगस्त को परिजनों से मिली और अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया तो परिजन भी सहम गए.

क्या लगाए हैं आरोप

परिजनों ने पीड़ित लड़की द्वारा नवादा सिविल कोर्ट में एक आरोप पत्र दाखिल करवाया. जिसमें बोधगया बालिका गृह में अपने साथ हुए यौन शोषण की जानकारी लड़की ने दी. इस पत्र के जरिए पीड़िता ने बालिका गृह में रह रही मैडम और कुछ कर्मियों पर संगीन आरोप लगाएं हैं.

पीड़िता का आरोप है कि बालिका गृह में मैडम और कुछ कर्मी रात में खाने के दौरान नशीली दवाइयां मिला देते थे. इसके बाद उनके साथ गलत काम किया जाता था. जब इसकी शिकायत बालिका गृह की मैडम से की जाती थी तो उसे डराया-धमकाया जाता था और उसे चुप करा दिया जाता था.

पीड़िता ने अपने पत्र में ये भी लिखा है कि सिर्फ मेरे साथ नहीं अन्य लड़कियों के साथ यही सब हर रात होता है. इस बाबत जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक दिवेश कुमार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बालिका गृह में किसी प्रकार की यौन शोषण की बात पूरी तरह गलत है.

जांच कमेटी का गठन

बोधगया स्थित बालिका सुधार गृह (Girls Shelter Home) में लड़की के साथ कथित यौन शोषण मामले में जांच कमिटी का गठन कर दिया गया है. बाल संरक्षण इकाई (Child Protection Unit) के सहायक निदेशक दिवेश कुमार शर्मा ने बताया कि राज्यस्तरीय और जिलास्तरीय कमिटी मामले की जांच में जुट गई है.

जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक दिवेश कुमार का बयान

हालांकि जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक दिवेश कुमार ने बताया कि ये आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है क्योंकि वहां पर 5-5 महिला पुलिसकर्मी सहित सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, जिसकी देखरेख के लिए कई लोग हैं.

दिवेश कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मामले में जिला स्तरीय टीम का गठन किया गया है, वहीं राज्य स्तरीय टीम भी इसकी जांच करेगी. सभी कर्मियों से पूछताछ की जाएगी, साथ ही सीसीटीवी फुटेज की भी जांच होगी. कहा कि जांच के बाद 2 से 3 दिनों में रिपोर्ट दे दी जाएगी.

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उन्होंने कहा कि वैसे बच्चे जो घर से भाग जाते हैं, उसे बाल संरक्षण कल्याण समिति के द्वारा कोर्ट के आधार पर उसे बालिका सुधार गृह में रखा जाता है. ये वैसी ही लड़की थी. उन्होंने कहा कि बोधगया बालिका सुधार गृह में 50 से 54 ऐसे लोग रहते हैं, जिसकी देखभाल की जाती है.

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