दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

सुप्रीम कोर्ट ने विदेश से लौटे चिकित्सा छात्रों के लिए समाधान खोजने का निर्देश दिया - Ukraine returnees

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यूक्रेन और चीन से लौटे मेडिकल के स्नातक छात्रों को समायोजित करने को लेकर समाधान ढूंढने के लिए केंद्र सरकार और एनएमसी को निर्देश दिया है. शीर्ष अदालत ने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार उसकी सलाह को उचित महत्व देगी और उन विद्यार्थियों का करिअर बचाने के लिए समाधान ढूंढ़ेगी जो देश की संपत्ति हैं.

Supreme Court)
सुप्रीम कोर्ट

By

Published : Dec 9, 2022, 8:47 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यूक्रेन और चीन जैसे देशों से लौटे मेडिकल के स्नातक विद्यार्थियों को समायोजित करने के वास्ते समाधान ढूंढ़ने के लिए केंद्र सरकार और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को शुक्रवार को निर्देश दिया. न्यायालय ने कहा कि यदि इस स्तर पर कोई समाधान नहीं निकाला गया तो उनका करिअर अधर में लटक जाएगा.

न्यायमूर्ति बीआर गवई (Justice BR Gavai) और न्यायमूर्ति विक्रमनाथ (Justice Vikram Nath) की पीठ ने कहा कि यदि जरूरत हो तो केंद्र सरकार विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित कर सकती है. शीर्ष अदालत ने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार उसकी सलाह को उचित महत्व देगी और उन विद्यार्थियों का करिअर बचाने के लिए समाधान ढूंढ़ेगी जो देश की संपत्ति हैं.

न्यायालय ने कहा,'यदि कोई समाधान नहीं मिला तो न केवल विद्यार्थियों का पूरा करिअर अधर में लटक जाएगा, बल्कि परिवारों को भी जूझना होगा.' अदालत ने कहा कि अधिकतर विद्यार्थी अपना पाठ्यक्रम पूरा कर चुके हैं, लेकिन ‘क्लीनिकल’ प्रशिक्षण लेने में समर्थ नहीं हैं. केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि चिकित्सा पाठ्यक्रम में व्यावहारिक प्रशिक्षण का अत्यधिक महत्व है. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को नहीं शामिल करने का निर्णय स्वास्थ्य मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से बातचीत करने के बाद लिया गया.

हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह केंद्र सरकार के साथ पूरी तरह सहमत है कि व्यावहारिक प्रशिक्षण का स्थान शैक्षणिक प्रशिक्षण नहीं ले सकता. न्यायालय ने कहा, 'पांच साल तक पढ़ाई कर चुके लगभग 500 विद्यार्थियों का करिअर दांव पर है. इन विद्यार्थियों ने सात सेमेस्टर कक्षा में उपस्थित होकर पूर किये जबकि तीन सेमेस्टर ऑनलाइन माध्यम से पूरे किए.' पीठ ने कहा कि विद्यार्थियों के माता-पिता ने पढ़ाई पर काफी पैसा खर्च किया है और यदि कोई समाधान नहीं निकला तो न केवल विद्यार्थियों का करिअर अधर में लटक जाएगा, बल्कि उनके परिवार को भी संकट से जूझना होगा.

ये भी पढ़ें -मुस्लिम लड़कियों के लिए भी शादी की उम्र 18 हो, याचिका पर SC ने केंद्र को भेजा नोटिस

ABOUT THE AUTHOR

...view details