काठमांडू : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि भारत पिछले साल आए भूकंप से प्रभावित नेपाल को अर्थिक मदद देगा.नेपाल के पश्चिमी जिले में बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए भारत 7.5 करोड़ डॉलर का वित्तीय पैकेज देगा. विदेश मंत्री जयशंकर ने यह बात एक कार्यक्रम के दौरान कही. बता दें, काठमांडू में नेपाल के अपने समकक्ष एन पी सौद के साथ त्रिुभवन विश्वविद्यालय, केंद्रीय पुस्तकालय और अन्य पुनर्निर्माण परियोजनाओं का संयुक्त रूप से उद्घाटन करने के दौरान विदेश मंत्री ने यह ऐलान किया.
भूकंप से हुई तबाही और लोगों की मौत पर जताया शोक
बता दें, ये परियोजनाएं नेपाल में 2015 में आए भूकंप के बाद शुरू की गयी थीं. जयशंकर 2024 में विदेश की अपनी पहली यात्रा पर बृहस्पतिवार को नेपाल पहुंचे थे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत को पिछले साल नवंबर में नेपाल के पश्चिमी हिस्सों में आए भूकंप से हुई तबाही और लोगों की मौत के बारे में जानकर दुख हुआ. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेपाल के लोगों और नेतृत्व के प्रति एकजुटता व्यक्त की और हरसंभव सहायता करने की प्रतिबद्धता जतायी थी.
विदेश मंत्री ने कहा- हम नेपाल के लोगों के साथ खड़े हैं
उन्होंने कहा कि मैंने कल प्रधानमंत्री (पुष्प कमल दहल) प्रचंड को इन प्रभावित जिलों में बुनियादी ढांचे के पुन: निर्माण के लिए 7.5 करोड़ डॉलर यानी 1,000 करोड़ नेपाली रुपये का वित्तीय पैकेज देने के अपने फैसले के बारे में कल ही बता दिया था. जयशंकर ने आगे कहा कि हम नेपाल के लोगों के साथ खड़े हैं और इस पर नेपाल सरकार के प्रयासों में मदद करते रहेंगे. विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत अपने पड़ोस खासकर नेपाल में साझेदारों के साथ अपने संबंधों को फिर से परिभाषित करते रहने के लिए प्रतिबद्ध है.
पशुपतिनाथ मंदिर में की पूजा-अर्चना
वहीं दूसरी तरफ, नेपाल पहुंचे विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर में भगवान शिव के दर्शन किए और पूजा-अर्चना की. उन्होंने यात्रा के दूसरे दिन देश में अपने कार्यक्रमों की शुरुआत करने से पहले सुबह-सुबह पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन किए. दर्शन करने के बाद जयशंकर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि आज सुबह पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. हमारे दोनों देशों के लोगों के कुशलक्षेम और भारत-नेपाल संबंधों के लिए प्रार्थना की.