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G20 Summit: विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले, बड़ी समस्याओं से निपटने के लिए एकजुट होकर सोचने की जरूरत - विदेश मंत्री एस जयशंकर

वाराणसी में चल रही जी 20 समिट में विदेश मंत्री ने वैश्विक एकजुटता पर जोर दिया. उन्होंने क्या कुछ कहा चलिए जानते हैं.

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Published : Jun 12, 2023, 6:52 PM IST

Updated : Jun 12, 2023, 9:52 PM IST

वाराणसी: जी-20 सम्मेलन का आज दूसरा महत्वपूर्ण दिन था. 13 जून तक चलने वाले इस आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन हुआ. इसके बाद 12:00 बजे दोपहर से शुरू हुए दूसरे सत्र में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत का नेतृत्व करते हुए अपनी बातें रखीं. विदेश मंत्री ने ट्रेड फैसिलिटी सेंटर में आयोजित महत्वपूर्ण जी 20 देशों के विकास मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला, खाद एवं ऊर्जा, सुरक्षा चुनौतियों व जलवायु परिवर्तन के प्रभावों समेत कई मुद्दों पर चर्चा की.

जी 20 समिट.
विदेश मंत्री ने कहा कि महामारी से लेकर आपूर्ति श्रृंखला बाधा, संघर्ष के प्रभाव व जलवायु से जुड़ी घटनाओं से दुनिया संकटों का सामना कर रही है. हमारा युग दिन प्रतिदिन अधिक परिवर्तनशील और अनिश्चित होता जा रहा है.
जी 20 समिट को विदेश मंत्री ने किया संबोधित.
विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाने वाले जी-20 देशों के सामने कई बड़े चैलेंज हैं. इस चैलेंज को पूरा करना सभी के लिए आवश्यक है. इसमें सबसे बड़ा मुद्दा कर्ज संकट, ऊर्जा खाद एवं उर्वरक सुरक्षा संबंधित दबाव और आपूर्ति श्रृंखला में बाधा के अलावा वैश्विक आर्थिक सुधार की संभावना को रफ्तार देना ज्यादा बड़ी चुनौती है. उन चुनौतियों से निपटने के लिए सभी को एकजुटता के साथ वैश्विक स्तर पर पहल करनी होगी.



उन्होंने कहा कि जी-20 की विकास गाथा तभी आगे बढ़ेगी जब सभी लोग मिलकर एकजुटता के साथ अपना प्रदर्शन करेंगे. यह जो निर्णय आज हम लेंगे उसका आने वाले भविष्य में सभी पर गहरा असर पड़ेगा. विदेश मंत्री का कहना था कि भारत में विकास लक्ष्यों की प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए 7 वर्षीय कार्य योजना तैयार की है. इस योजना में डिजिटल सार्वजनिक आधारभूत ढांचा विकास के लिए आंकड़े को मजबूत करना और महिला नीति विकास के लिए निवेश और भू सुरक्षा के साथ ही ऊर्जा संसाधनों में परिवर्तन को तवज्जो दी गई है.

विदेश मंत्री का कहना है कि कोविड-19 से पहले एसडीजी में प्रगति पिछड़ रही थी और इस कारण समस्या और बड़ी है. इसमें कई देशों पर बढ़ती महंगाई, ब्याज दर और सिकुड़ते राजकोष का प्रभाव पड़ा है. ऐसे समय में हमेशा की तरह ही कमजोर देश सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं इसलिए सभी एकजुट रहें यह आवश्यक है.

उन्होंने कहा कि आज जो हम निर्णय करेंगे, उसमें समावेशी, टिकाऊ और लचीले भविष्य के लिए योगदान देने की क्षमता होगी. विदेश मंत्री ने कहा कि कम विकासित और छोटे विकासशीज द्वीपीय देशों पर जलवायु परिवर्तन का अभूतपूर्व प्रभाव पड़ना जारी है. कहा कि एसडीजी एजेंडा न केवल सार्वभौमिक रूप से मील का पत्थर है जो सभी देशों पर लागू होता है बल्कि यह समग्र एजेंडे के रूप में सफल हो सकता है.

काशी व भारत की गरिमा दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचेगी
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सेमिनार से पहले अनौपचारिक बातचीत में कहा की काशी आने वाले विदेशी मेहमानों से यहां व भारत की गरिमा विश्व के कोने-कोने तक पहुंच जाएगी. उन्होंने कहा कि दुनिया के 60 शहरों में यह विदेशी मेहमान जाएंगे और उनके मन में भारत का एक अलग चित्र ही प्रस्तुत होगा. वह हमारी संस्कृति को समझेंगे और वहां यानी अपने देश जाकर भारत के राजदूत तरह लोगों को भारत में प्रस्तुत की गई चीजों की जानकारी देंगे. उनका कहना था कि हम इस आयोजन को एक उत्सव की तरह मना रहे हैं. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में फंसे विदेशी छात्रों के लिए ऑपरेशन कावेरी चलाकर भारत सरकार ने यह विश्वास कायम किया है कि वह सभी के साथ हैं. सभी की सुरक्षा के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं.

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Last Updated : Jun 12, 2023, 9:52 PM IST

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