चेन्नई :अमेरिकी कंपनी फोर्ड मोटर के भारतीय संयंत्र बंद होने की सूचना का नुकसान कर्मचारियों को होने लगा है. हाल ही में एक युवा कर्मचारी की शादी तय हुई लेकिन जब लड़की के परिवार ने फोर्ड के भारत में वाहन निर्माण छोड़ने के फैसले के बारे में सुना तो उन्होंने सगाई तोड़ने का फैसला कर लिया.
इतना ही नहीं कई श्रमिकों ने आवास और वाहन ऋण लिया है और बकाया का भुगतान किया जाना है. जबकि नौकरी छूटने और अनिश्चित भविष्य की वजह से उन्हें परेशानियां उठानी पड़ेंगी. गणेश चतुर्थी उत्सव के एक दिन पहले 9 सितंबर को फोर्ड इंडिया ने घोषणा की कि वह वाहन असेंबली को बंद कर देगा 2021 की चौथी तिमाही तक सानंद और 2022 की दूसरी तिमाही तक चेन्नई में वाहन और इंजन निर्माण को बंद कर देगा.
फोर्ड इंडिया के देश में चार संयंत्र हैं. चेन्नई और साणंद में वाहन और इंजन संयंत्र. फोर्ड इंडिया ने अन्य तीन को बंद करते हुए साणंद में इंजन संयंत्र का संचालन जारी रखने का फैसला किया है. मंगलवार को यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि हमने कंपनी के कारखानों को बंद करने के अचानक फैसले पर अपना विरोध व्यक्त किया.
वहीं प्रबंधन ने कहा कि उन्होंने कारखाने को बंद करने की अनुमति के लिए तमिलनाडु सरकार से संपर्क किया है. यूनियन का कहना है कि प्रबंधन मुआवजे के पैकेज के लिए हमारी सहमति चाहता है ताकि श्रमिकों को घर भेजा जा सके. उन्होंने कहा कि बंद करने का निर्णय अपरिवर्तनीय है.
श्रमिकों ने कहा कि प्रबंधन के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि वे कारखाने के साथ क्या करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों से उत्पादन बंद कर दिया गया है क्योंकि नौकरी छूटने की संभावना से श्रमिकों का मनोबल टूट गया है.