नई दिल्ली : प्रमुख राज्य में विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों की तैयारियों के बीच राष्ट्रीय राजधानी में वॉर रूम को खाली करने के लिए मजबूर होना पड़ा. पार्टी 15, गुरुद्वारा रकाबगंज रोड बंगले से संचालित होने वाले राष्ट्रीय वॉर रूम को खाली किए जाने को लेकर नाराज है. बता दें कि जिस बंगले को पिछले 18 वर्षों से जिन नेताओं को आवंटित किया गया था, उन्होंने कांग्रेस को इसका उपयोग करने की अनुमति दी थी.
यह बंगला पिछली बार पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रदीप भट्टाचार्य को आवंटित किया गया था, जिनका कार्यकाल अगस्त में समाप्त हो गया था. हालांकि भट्टाचार्य ने कुछ महीनों के लिए परिसर खाली करने की मोहलत मांगी थी लेकिन राज्यसभा आवास समिति ने इसकी अनुमति नहीं दी.
बाद में कांग्रेस नेताओं ने बंगला किसी अन्य पार्टी सांसद को आवंटित कराने की भी कोशिश की लेकिन वह भी बात नहीं बनी. वहीं ज्यादा विकल्प उपलब्ध नहीं होने और आलाकमान पांच राज्यों के चुनावों (छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और मिजोरम में मतदान हो चुका है लेकिन राजस्थान और तेलंगाना में अभी बाकी है) में व्यस्त होने के कारण पार्टी को अपने वॉर रूम को स्थानान्तरित करना पड़ा. इस बंगले को राज्यसभा सदस्य शक्ति सिंह गोहित को आवंटित किया गया है.
इस संबंध में शक्ति सिंह गोहिल ने बताया कि यह प्रतिशोध की राजनीति के अलावा और कुछ नहीं है. हमारे एक सहयोगी ने अपने नाम पर आवंटन की मांग की थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया टीम अब मेरे घर के एक हिस्से से काम कर रही है.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, हाल तक राज्य चुनावों से संबंधित प्रमुख रणनीति बैठकें 15, जीआरजी बंगले के वॉर रूम में हो रही थीं. यह वॉर रूम न केवल विधानसभा चुनावों की निगरानी में बल्कि लोकसभा की तैयारियों में भी भूमिका निभा रहा था.