हैदराबाद: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के आते ही बैंकिंग और पेमेंग के तौर-तरीके बदल गए हैं. जो लोग पैसे ट्रांसफर करना चाहते हैं, वह बस एक फोन नंबर या बैंक अकाउंट से जुड़े यूपीआई आईडी के जरिये मिनटों में रकम ट्रांसफर कर देते हैं. मगर UPI यूजर्स को सावधान रहना चाहिए क्योंकि इससे आपका अकाउंट हैक होने का खतरा भी है.
यहां ध्यान देने वाली बात है कि अगर यूपीआई आईडी डालते समय जरा सी भी गलती हो जाती है तो संभावना है कि पैसा किसी और के खाते में चला जाएगा. इसलिए, पहली बार किसी व्यक्ति को पैसा ट्रांसफर करते समय, एकमुश्त रकम के बजाय 1 रुपये का ट्रांसफर करना चाहिए. जब आप कन्फर्म हो जाएं कि एक रुपया सही बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हुआ है, तभी आप पूरी रकम UPI के जरिये भेजें.
हम कोई भी खरीदारी करते समय क्यूआर कोड से भुगतान करते हैं. जैसे ही यूपीआई ऐप के जरिए क्यूआर कोड (QR code) को स्कैन करते हैं, दुकानदार की डिटेल आ जाती है. इसलिए क्यू आर कोड (QR code) के जरिये ट्रांसफर से पहले दुकानदार की डिटेल जरूर चेक कर लें. अक्सर दुकानों की दीवारों पर क्यूआर कोड चिपकाए जाते हैं. हाल के दिनों में ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां फ्रॉड करने वालों ने गलत क्यूआर कोड दुकानों में चिपका दिए, जिसके बाद ग्राहकों का पैसा दुकानदार के अकाउंट में नहीं गया. वह रकम फ्रॉड करने वालों के अकाउंट में चला गया.