नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने शनिवार को 'अपशिष्ट से धन' (वेस्ट टू वेल्थ) की अवधारणा पर जोर दिया और कहा कि संसाधनों के पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए.
उन्होंने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सफाई मित्रों और स्वच्छता कार्यकर्ताओं की भूमिका की भी सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने लगातार अपनी सेवाएं दीं. राष्ट्रपति कोविंद ने एक कार्यक्रम में 'स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2021' प्रदान किए.
इस मौके पर उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि सफाई के असुरक्षित कार्यों के कारण किसी भी सफाई कर्मचारी का जीवन खतरे में न पड़े. आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था.
राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष के स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कारों का विशेष महत्त्व है क्योंकि देश 'आजादी का अमृत महोत्सव' मना रहा है. उन्होंने कहा, 'महात्मा गांधी कहा करते थे कि सफाई ईश्वर की भक्ति के समान है. उनके अनुसार स्वच्छता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए.'
कोविंद ने कहा कि गांधीजी की इस प्राथमिकता को भारत सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से एक जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाया है. उन्होंने कहा, 'देश को पूरी तरह से स्वच्छ और साफ-सुथरा बनाने के हमारे प्रयास हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को सच्ची श्रद्धांजलि है.