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फ्लू के टीके से बच्चों को कोरोना वायरस से बचाया जा सकता है :रिसर्च

डॉक्टर बेदी के मुताबिक कुछ रिसर्च में पाया गया है कि फ्लू वैक्सीन बच्चों में कोरोना के प्रभाव को कम करती है. जिन बच्चों को फ्लू वैक्सीन लगाई जा रही हैं. उनका इम्यूनिटी सिस्टम दूसरे बच्चों से ज्यादा मजबूत पाया गया है. इसलिए ये कोरोना का खतरा खत्म करने के बजाए उसे कम जरूर कर सकती है.

फ्लू वैक्सीन बच्चों में कोरोना के प्रभाव को कम करती :रिसर्च
फ्लू वैक्सीन बच्चों में कोरोना के प्रभाव को कम करती :रिसर्च

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Published : Jul 24, 2021, 4:07 AM IST

चंडीगढ़:कोरोना वायरस के खतरे को कम करने के लिए 18 साल अधिक सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है. लेकिन अभी बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन नहीं आई है. इस वजह से कहा जा सकता है कि बच्चे को खतरा ज्यादा हैं. लेकिन ऐसे में कई माता-पिता अपने बच्चों को फ्लू वैक्सीन लगवा रहे हैं.

कई अस्पतालों में भी बच्चों को फ्लू वैक्सीन लगवाने के लिए कहा जा रहा है. सामान्य फ्लू वैक्सीन बच्चों को कोरोना वायरस से बचा सकती है? या फ्लू वैक्सीन का कोरोना वायरस पर कोई असर नहीं होता है? ये बता रहे हैं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रमणीक सिंह बेदी.

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इस बारे में ईटीवी भारत की टीम ने वर्ल्ड मेडिकल एसोसिएशन के सलाहकार और बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रमणीक बेदी से बात की तो उन्होंने कहा कि जो काम कोरोना के खिलाफ कोरोना वैक्सीन कर सकती है. वो मामूली फ्लू वैक्सीन नहीं कर सकती है. फ्लू वैक्सीन लगवाना इस बात की गारंटी नहीं है कि बच्चा कोरोना से बच जाएगा, लेकिन इसको लेकर दुनियाभर में रिसर्च की जा रही है.

डॉक्टर बेदी के मुताबिक कुछ रिसर्च में ये पाया गया है कि फ्लू वैक्सीन बच्चों में कोरोना के प्रभाव को कम करती है. जिन बच्चों को फ्लू वैक्सीन लगाई जा रही हैं उनका इम्यूनिटी सिस्टम दूसरे बच्चों से ज्यादा मजबूत पाया गया है. इसलिए ये कोरोना का खतरा खत्म करने के बजाए उसे कम जरूर कर सकती है.

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डॉक्टर बेदी ने कहा कि फ्लू वैक्सीन इन्फ्लूएंजा वायरस से बचाव के लिए लगाई जाती है. इन्फ्लूएंजा वायरस और कोरोना वायरस दोनों एक ही परिवार से आते हैं. शरीर पर इन वायरस का हमला होने पर इसके लक्षण भी एक जैसे हैं. इस वजह से लोग बच्चों को फ्लू वैक्सीन लगवा रहे हैं.

बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रमणीक बेदी ने आगे कहा कि फ्लू वैक्सीन करोना वैक्सीन की जगह तो नहीं ले सकती, लेकिन जब तक बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन नहीं आ जाती तब तक लोग इसे एक विकल्प के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं. इस वैक्सीन का बच्चों पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है. कई विकसित देशों में आमतौर पर हर साल ये वैक्सीन बच्चों को लगाई जाती है. क्योंकि इन्फ्लूएंजा वायरस भी कोरोना वायरस की तरह स्वरूप बदलता है. इसलिए हर साल वैक्सीन भी नए स्ट्रेन के साथ बनाई जाती है और बच्चों को लगाई जाती है. बच्चों को अगर ये लेक्सीन लगाई जाती है. तो इसका थोड़ा बहुत फायदा तो जरूर होगा.

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