लखनऊ :पर्यावरण कार्यकर्ताओं के भारी दबाव के चलते उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने पीलीभीत से वाराणसी तक गोमती के पूरे रास्ते में नदी के दोनों ओर 100 मीटर तक फ्लड जोन घोषित कर दिया है. फ्लड जोन के तहत किसी भी तरह के निर्माण को अनुमति नहीं दी जाएगी, न ही कोई नक्शा पास होगा. इसके साथ ही अब तक किए गए निर्माण को अतिक्रमण मानते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है. इस संबंध में सिंचाई विभाग के अलावा नगर निगम और विकास प्राधिकरण को भी कार्रवाई करनी होगी. यह आदेश उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के शारदा खंड की ओर से जारी किया गया है.
पर्यावरण और सामाजिक कार्यकर्ता आलोक सिंह ने बताया कि पूर्व में 50 मीटर का आदेश करके अतिक्रमण करने वालों को बड़ी राहत सिंचाई विभाग ने दे दी थी. जिसको लेकर हम लगातार संघर्ष कर रहे थे. लगातार सरकार पर दबाव बनाया जा रहा था. आखिरकार हमारा दबाव रंग लाया और आदेश कर दिया गया है कि 100 मी ही फ्लड जोन होगा. उन्होंने बताया कि इससे गोमती नदी को अतिक्रमण और प्रदूषण से बचाया जा सकेगा.
भारत सरकार जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय की गजट अधिसूचना सात अक्टूबर 2016 में दिए गए निर्देशों का पालन यहां किया जाएगा. जनपद के सिचाई एवं जल संसाधन विभाग, उत्तर प्रदेश के सम्बन्धित अधिशासी अभियन्ता द्वारा कार्य क्षेत्र के अनुसार फ्लड प्लेन जोन नक्शे पर एवं मौके पर चिन्हित कराया जाएगा. फ्लड-प्लेन जोन में किसी भी प्रकार के निर्माण, अतिक्रमण, व्यावसायिक गतिविधि, पटटे नीलामी, प्रदूषण करने वाली गतिविधियों एवं सभी गतिविधियां प्रतिबन्धित रहेंगी. जोन को फ्लड प्लेन जोन के रूप ही संरक्षित किया जाए एवं पूर्व से चल रही सभी गतिविधियां तत्काल प्रभाव से बंद या विस्थापित किया जाएगा. ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्व में चल रही गतिविधियों / नई गतिविधियों या अतिक्रमण की स्थिति में सम्बन्धित अधिशासी अभियन्ता जनपद के जिलाधिकारी के माध्यम से शासनादेशों में निहित प्राविधानों के तहत प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे. शहरी क्षेत्रों में अतिक्रमण की स्थिति में सम्बन्धित नगर पालिका/अर्बन डेवलेपमेंट विभाग/नगर निगम/विकास प्राधिकरण द्वारा प्रभावी कार्रवाई की जाएगी.