मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक अगले दो दिनों तक पश्चिम बंगाल के अलग-अलग हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश जारी रहेगी. मौसम विभाग के अनुसार लगभग पूरे राज्य में शनिवार रात तक मध्यम से भारी बारिश का अनुमान है जो रविवार तक भी जारी रह सकता है.हालांकि रविवार की देर शाम में मौसम में सुधार होने की संभावना है.
मानसून अलर्ट: बंगाल से इन राज्यों में बढ़ा बाढ़ का खतरा - भारी बारिश के बाद जलमग्न हुए घर और इमारतें
19:58 June 18
19:56 June 18
पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में होगी बारिश
14:10 June 18
मुंबई में चॉल की दीवार ढहने से 3 लोग घायल
मुंबई के पूर्वी उपनगर घाटकोपर में एक चॉल की दीवार ढहने से तीन लोग मामूली रूप से घायल हो गए. बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार की करीब रात ड़ेढ बजे चिराग नगर पुलिस थाने के निकट एलबीएस मार्ग पर मक्की बाजार में एक चॉल की दीवार ढह गई, जिससे तीन लोग अल्ताफ शेख (35), रिजवान कलानिगी (19) और नूरजहां अंसारी (35) घायल हो गए. घायलों को रजवाडी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई.
बीएमसी ने बताया कि पिछले 24 घंटे में मुंबई में दीवार और मकान ढहने की 11 घटनाएं हुई हैं. पिछली रात मुलुंड में एक दीवार ढहने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.
बीएमसी के मुताबिक, शहर के पूर्वी उपनगरों में 24 घंटे में 110.07 मिलीमीटर बारिश, पश्चिमी उपनगरों में 75.36 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. शहर में सार्वजनिक परिवहन सेवा सामान्य है.
12:52 June 18
पश्चिम बंगाल में भारी बारिश के बाद आसनसोल में कुछ घर और इमारतें जलमग्न हुए.
12:07 June 18
कुशीनगरजिले के तमकुहीराज तहसील क्षेत्र में खेती देख कर गुरुवार शाम को नाव से घर लौट रहे लगभग 150 ग्रामीण नारायणी नदी (narayani river) में आई बाढ़ में फंस गए. बीच धारा में फंसी नाव बहते हुए लगभग पांच किलोमीटर दूर संपूर्णानगर टीले के पास जाकर बीच नदी में रुक गई. इस दौरान नाव में सवार लोगों में चीख-पुकार मच गई. चीख-पुकार सुनकर पहुंचे ग्रामीणों ने छोटी नाव लेकर लोगों को निकालना शुरू किया. जानकारी के अनुसार, शुक्रवार सुबह तक रेस्क्यू ऑपेरशन पूरा हो गया है. नाव में सवार सभी 150 लोगों को सकुशल निकाल लिया गया है. यह रेस्क्यू ऑपेरशन करीब 11 घंटे चला.
बता दें कि गुरुवार को तमकुहीराज तहसील क्षेत्र के बरवापट्टी थाना क्षेत्र में नारायणी नदी के उत्तर की तरफ बसे अमवाखास के टोला भगवानपुर, बनरही, सम्पूर्णा नगर, किशुनवा, बक्सर रेता क्षेत्र में दक्षिण तरफ के किसान खेती करने आते-जाते हैं. सभी ग्रामीण अपना काम खत्म कर शाम को वापस लौट आते हैं. बाढ़ के समय में उनके आने-जाने का काम नाव से चलता है. ग्रामीण बड़ी नाव और छोटी नाव के सहारे इस पार से उस पार आते-जाते हैं.
गुरुवार देर शाम अचानक कुछ ऐसा हुआ इन लोगों की सांसें अटक गईं. शाम लगभग सात बजे 150 ग्रामीण खेती-बारी करके नाव से अपने घर के लिए वापस आ रहे थे. इस दौरान 150 ग्रामीणों से भरी नाव नारायणी नदी को पार कर रही थी. इस बीच नाव में आई तकनीकी खराबी के कारण नाव के इंजन पर से नियंत्रण खत्म हो गया और नाव पानी की धारा के साथ बहने लगी, जिससे ग्रामीणों में चीख-पुकार मच गई. बताया जा रहा है कि इंजन का डीजल पाइप फट गया था, जिससे नाव बंद हो गई. देखते ही देखते नाव लगभग पांच किलोमीटर तक बहते हुए अमवा दीगर के सम्पूर्णानगर टीले के पास जाकर बीच नदी में रुकी, जिससे नाव में सवार ग्रामीणों की जान खतरे में पड़ गई.
जानकारी लगते ही ग्रामीणों ने प्रशासन को सूचना देकर खुद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. देर शाम से ही ग्रामीणों ने छोटी नाव के सहारे नाव में फंसे लोगों को बाहर निकालना शुरू कर दिया. जब तक प्रशासन की टीम मौके पर पहुंचती तब तक ग्रामीणों ने कई जिंदगियों को बचा लिया था. इधर घटना की सूचना मिलते ही देर रात डीएम व एसपी ने घटनास्थल पहुंचकर हालात का जायजा लिया. डीएम ने भी मौके पर रेसक्यू ऑपरेशन शुरू कराया. साथ ही एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम को मौके पर बुला लिया गया. करीब 11 घंटे चले रेस्क्यू ऑपेरशन के बाद सभी ग्रामीणों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया. किसी प्रकार के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ.
12:07 June 18
बिहार के गोपालगंज (Gopalganj) जिले में बाढ़ ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. जिले के सदर प्रखण्ड के खाप मकसूदपुर गांव समेत कई इलाकों में गंडक नदी कहर बरपा रहा है.
खाप मकसूदपुर (Khap maksudpur) गांव के 300 घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है, लेकिन हैरानी की बात ये है कि अब तक यहां के लोगों को किसी तरह की सरकारी व प्रशासनिक मदद नहीं मिल पाई है. ऐसे में हजारों परिवारों के समक्ष आशियाना और भोजन की समस्या खड़ी हो गई है. ग्रामीण भूखे-प्यासे प्रशासनिक मदद का इंतजार कर रहे हैं.
गांव में बन गये जल कैदी
जब ईटीवी भारत की टीम खाप मकसूदपुर गांव पहुंची तो दियरा इलाके के लोगों ने अपनी आप बीती सुनाई. ग्रामीणों ने बताया कि पिछले चार दिनों से बाढ़ की विभीषिका की वजह से जिंदगी नरक हो गयी है.
यहां के लोग अपने ही गांव में कैद हो गए हैं. आलम यह है कि न खाने को आनाज है न पीने के लिए पानी. पानी के बीच घिरे इन बाढ़ पीड़ितों की जिंदगी बांस के बने मचानों व पानी के बीच किसी तरह कट रही है.
पूरे घर में बाढ़ का पानी घुस गया है. चौकी पर ही चूल्हा चौक रख कर खाना बना रही हूं. यहां पर कोई ऊंची जगह नहीं है, जहां हम लोग जाकर रह सकें. प्रशासन, मुखिया व सरपंच की ओर से अभी तक कोई मदद नहीं मिली है.- मानती देवी, बाढ़ पीड़ित
अब तक नहीं पहुंची मदद
गांव में करीब 300 घर पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं, लेकिन यहां पर अब तक कोई जनप्रतिनिधि भी नहीं पहुंचा है. ग्रामीणों की सुध लेने कोई नहीं आया. यही वजह है कि यहां रहने वाले लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं.
ये लोग शुद्ध पानी, नाव, भोजन, तिरपाल और रहने की व्यवस्था के लिए प्रशासन से आस लगाए बैठे हैं. वाल्मीकि बैराज से छोड़े गए बाढ़ के पानी से यहां के लोग बेघर हो गये हैं.
बीमार पोते को खाट पर लिटा कर चार किलोमीटर की दूरी तय कर अस्पताल ले जा रहा हूं. यहां कोई व्यवस्था नहीं है. नाव नहीं रहने के कारण खाट पर लाद कर इलाज के लिए लेकर जा रहे हैं. सरकार का सारा पैसा मुखिया, सरपंच, नेता सब मिलकर खा जाते हैं. हमें किसी तरह मदद नहीं मिल पा रही है.- सुदामा प्रसाद, बाढ़ पीड़ित
प्रभावित गांवों में नहीं पहुंची नाव
नेपाल के तराई इलाकों में हो रही लगातार बारिश के बाद वाल्मीकि नगर बराज से पानी छोड़े जाने के बाद दियारा इलाके के गांव में बाढ़ का पानी तेजी से फैलने लगा है. लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं. वहीं, सांप-बिच्छू का डर भी लोगों को सता रहा है.
नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है. जिला प्रशासन की ओर से सरकारी नाव का इंतजाम अभी तक नहीं किया गया है. सदर प्रखंड के खाप मकसूदपुर, जगिरी टोला, मलाही टोला और रामपुर समेत विभिन्न निचले इलाके के गांव में पानी फैल रहा है. गांव की सड़कों पर आठ से 10 फीट पानी बह रहा है. वहीं कुछ लोग अब पलायन करने लगे हैं.
10:50 June 18
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में लगातार हो रही बारिश से कई जगह जलभराव हुआ.
09:19 June 18
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर की एक नदी में एक नाव पर फंसे लगभग 150 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. NDRF के अधिकारी ने बताया, लगभग 11 बजे रात को सूचना मिली थी कि एक नाव का इंजन फेल हो जाने की वजह से बीच मंझधार में फंस गई है.
NDRF अधिकारी पी. एल. शर्मा के मुताबिक, हमने तत्काल NDRF टीम रवाना की जो रात लगभग 2:20 बजे यहां पहुंची. अगले 10 मिनट में हमने ऑपरेशन लॉन्च कर दिया. लगभग 150 लोग फंसे थे, सबको सुरक्षित निकाल लिया गया है.
08:58 June 18
मॉनसून के राजस्थान, पंजाब के कुछ हिस्सों, हरियाणा और दिल्ली की तरफ बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल नहीं हैं. यह जानकारी बृहस्पतिवार को भारत मौसम विज्ञान विभाग ने दी.
उन्होंने कहा कि बहरहाल गुजरात और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से में आगामी दो-तीन दिनों में इसकी धीमी प्रगति होगी.
मॉनसून की उत्तरी सीमा दीव, सूरत, नंदुरबार, भोपाल, नौगोंग, हमीरपुर, बाराबंकी, बरेली, सहारनपुर, अंबाला और अमृतसर से गुजर रही है.
आईएमडी के पूर्वानुमान में बताया गया, पश्चिमी हवाओं का असर मॉनसून पर 23 जून तक बना रह सकता है और इसलिए राजस्थान, पंजाब के शेष हिस्से, हरियाणा और दिल्ली में इस दौरान मॉनसून नहीं पहुंच सकता है.
इसने कहा कि मॉनसून का पैटर्न 26 जून और 30 जून के बीच धीरे-धीरे मजबूत होगा. इस दौरान वह उत्तर पश्चिम भारत के अधिकतर हिस्सों में पहुंचेगा.
मौसम विभाग ने पहले पूर्वानुमान जताया था कि मॉनसून 12 दिन पहले ही 15 जून तक दिल्ली पहुंच जाएगा.
मॉनसून सामान्य तौर पर 27 जून तक दिल्ली पहुंचता है और आठ जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है.
निजी पूर्वानुमान एजेंसी स्काइमेट वेदर के मुताबिक, पिछले वर्ष मॉनसून 25 जून को दिल्ली पहुंचा था और 29 जून तक इसने पूरे देश को कवर कर लिया था.
स्काइमेट वेदर के महेश पालावत ने कहा कि पश्चिमी हवाएं पिछले तीन-चार दिनों से मॉनसून को उत्तर पश्चिम भारत की तरफ बढ़ने से रोक रही हैं.
उन्होंने कहा, ये हवाएं अगले हफ्ते भी चलती रहेंगी इसलिए लगता है कि दिल्ली को 27 जून के आसपास ही मॉनसून की बारिश मिलेगी.
आईएमडी ने कहा कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड में बृहस्पतिवार और शुक्रवार को तेज हवाओं के साथ 'मध्यम से भारी' स्तर की बारिश हो सकती है और कई स्थानों पर आकाशीय बिजली गिर सकती है.
उन्होंने कहा, इससे लोग एवं जानवर जख्मी हो सकते हैं और उनकी जान भी जा सकती है.
मौमस विभाग ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में उत्तराखंड में अगले दो दिनों में कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है.
मौसम विभाग ने कहा, पश्चिम बंगाल के गंगा के इलाकों और आसपास के क्षेत्रों में चक्रवाती सर्कुलेशन बना हुआ है. इस प्रभाव में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और ओडिशा में अगले दो-तीन दिनों में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है.
15 मिलीमीटर से कम वर्षा को हल्की, 15 मिमी से 64.5 मिमी वर्षा को मध्यम, 64.5 से 115.5 मिमी वर्षा को भारी, 115.6 और 204.4 मिमी के बीच बहुत भारी वर्षा माना जाता है. 204.4 मिमी से अधिक वर्षा को अत्यधिक भारी वर्षा की श्रेणी में माना जाता है.
08:53 June 18
दुर्गापुर बैराज से 12,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया
झारखंड में लगातार हुई भारी बारिश के कारण दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के दो बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद पश्चिम बंगाल में दुर्गापुर बैराज से बृहस्पतिवार सुबह तक 12,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
इसके अलावा पड़ोसी राज्य के पंचेत और मैथन बांधों से भी 15,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. अधिकारियों के मुताबिक, डीवीसी के पंचेत बांध से 9,000 क्यूसेक और मैथन बांध से 6,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसके कारण दुर्गापुर बैराज में पानी का स्तर बढ़ गया. अधिकारियों ने कहा कि पानी का स्तर बढ़ जाने के कारण दुर्गापुर बैराज से 12,000 क्यूसेक पानी छोड़ना पड़ा. अब तक बाढ़ जैसे कोई हालात नहीं हैं.
दुर्गापुर बैराज से यदि और अधिक पानी छोड़ा गया तो पश्चिम बर्दवान जिले में बाढ़ के हालात पैदा हो सकते हैं. बैराज में पानी का स्तर 211.5 फुट हो गया है, जो उसकी अधिकतम सीमा है. अधिकारियों ने बताया कि उत्तर बंगाल में भारी बारिश के कारण तीस्ता बैराज से 77,365 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था.
08:51 June 18
बिहार में गंडक के डूब क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति
हैदराबाद : बिहार के कई जिलों में बुधवार को गंडक नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है, जिसके कारण लोग सुरक्षित ठिकानों पर शरण लेने को विवश हुए हैं. राज्य का पश्चिमी चंपारण जिला इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है.
पश्चिम चम्पारण के जिला मुख्यालय बेतिया शहर में कलेक्ट्रेट भवन और जिले में सशस्त्र सीमा बल का एक शिविर जलमग्न हो गया. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें एक कार चालक अपनी जान बचाने के लिए वाहन से बाहर कूदते हुए दिख रहा है.
जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि उत्तर बिहार के कई हिस्सों और पिछले 48 घंटों में पड़ोसी देश नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में 250 मिमी तक बारिश हुई है.
उन्होंने कहा, हमें राज्य में बारिश से ज्यादा नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश की आशंका है. वहां भारी वर्षा होने के कारण बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ा जाता है. आज दोपहर दो बजे तक चार लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया. हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद तैयारियों की समीक्षा की थी और हमारे सभी तटबंध सुरक्षित हैं.
जिलों से प्राप्त सूचना के अनुसार, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सारण और मुजफ्फरपुर में गंडक का जलस्तर खतरनाक रूप से खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है.
वहीं, मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 48 घंटों में राज्य के अधिकांश हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश होगी.
08:11 June 18
मानसून ट्रैकर
कोलकाता : पश्चिम बंगाल (West Bengal) की राजधानी कोलकाता समेत राज्य के कई हिस्सों में लगातार भारी बारिश (Heavy rain) हो रही है, जिससे कोलकाता शहर और इसके बाहरी क्षेत्र में कई निचले इलाकों और सड़कों पर पानी भर गया (streets flooded). मौसम विभाग ने जोरदार दक्षिण-पश्चिम मानसून और एक चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव के कारण अगले तीन दिनों में और अधिक बारिश होने का अनुमान जताया है.
दक्षिण बंगाल में लगातार बारिश होने से अजॉय, दाराकेश्वर, ब्राह्मणी, शिलावती, सुवर्णरेखा और कंगसावती सहित कई नदियों का जल स्तर बढ़ गया है, जिससे आसपास के इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति की आशंका बढ़ गई है.
मौसम विभाग (weather department) के अनुसार, कोलकाता में सुबह साढ़े आठ बजे तक 24 घंटे में 144 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई.
महानगर के दक्षिणी हिस्सों में उत्तरी हिस्से की तुलना में अधिक वर्षा हुई, जिससे बालीगंज, सर्कुलर रोड, लाउडन स्ट्रीट, सदर्न एवेन्यू की सड़कों और गलियों तथा कस्बा, बेहाला और टॉलीगंज के कई स्थानों पर जलभराव हो गया.
राज्य के परिवहन मंत्री व कोलकाता नगर निगम (Kolkata Municipal Corporation) के प्रशासक बोर्ड के प्रमुख फिरहाद हाकिम ने शहर के कई इलाकों का दौरा कर स्थिति की समीक्षा की.
उन्होंने कहा, जलभराव वाले इलाकों से पानी निकालने और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. गंगा नदी का जलस्तर कम होने के बाद ठहरा हुआ पानी बाहर निकल जाएगा. राज्य सरकार ने महानगर और अन्य जगहों में कोविड-19 प्रतिबंधों में आंशिक रूप से ढील दी है, ऐसे में लोगों को अपने काम पर जाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. लोगों को घुटने भर गहरे पानी से गुजरना पड़ा.
कुछ क्षेत्रों में यातायात बाधित हो गया क्योंकि वाहन जलजमाव के चलते धीरे-धीरे चल रहे थे.
मौसम विभाग ने बताया कि दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग में 24 घंटे की अवधि के दौरान 178.6 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक है, जबकि बांकुड़ा में 133.2 मिमी बारिश हुई.
उत्तर बंगाल के कुछ स्थानों पर भी मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई. दार्जिलिंग में 70 मिमी से अधिक बारिश हुई.
मौसम विज्ञानी ने बताया कि अगले तीन दिनों में बंगाल के लगभग सभी जिलों में मध्यम बारिश होने का अनुमान है, क्योंकि दक्षिण पश्चिम मानसून पश्चिम बंगाल के गंगीय क्षेत्र में जोरदार रूप ले चुका है और इस क्षेत्र में एक चक्रवाती परिसंचरण बना है.
मौसम विभाग ने शनिवार तक कोलकाता में गरज के साथ बारिश होने और आसमान में बादल छाए रहने का अनुमान जताया है.