मुंबई :रिजर्व बैंक ने वाहन ईंधन पर ऊंचे अप्रत्यक्ष करों (high indirect taxes) के मुद्रास्फीति प्रभाव (inflationary impact ) को लेकर चिंता जताई है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने शुक्रवार को कहा कि इस मुद्दे पर फैसला सरकार को करना है. उल्लेखनीय है कि पेट्रोल, डीजल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने से आम लोग परेशान हैं.
दास ने द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा की घोषणा के अवसर पर दूसरी बार सार्वजनिक तौर पर इस मुद्दे को लेकर चिंता जताई है. पिछली मौद्रिक समीक्षा बैठक में भी उन्होंने वाहन ईंधन कीमतों को लेकर चिंता जताई थी. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने दलहन और खाद्य तेलों आदि के मामले में आपूर्ति पक्ष के मुद्दों को हल किया है.
उल्लेखनीय है कि पिछले साल वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट (sharp dip in global crude prices) के बाद सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर शुल्कों और उपकर में भारी बढ़ोतरी की थी. इससे सरकार के राजस्व संग्रह (revenue collections) में काफी वृद्धि हुई है.
इस समय देश में पेट्रोल 100 रुपये के पार हो चुका है. वहीं डीजल शतक के करीब है.
दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'ईंधन पर अप्रत्यक्ष करों के अलावा कई अन्य मुद्दे हैं जिनपर फैसला सरकार को करना है. सरकार और रिजर्व बैंक इन मुद्दों पर लगातार बातचीत करते रहते हैं. हम सरकार को समय-समय पर अपनी चिंता से अवगत कराते हैं.'