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'हर घर तिरंगा' से फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया की मुहिम को मिल रहा बढ़ावा

केंद्र सरकार के 'हर घर तिरंगा' (Har Ghar Tiranga) पहल के आह्वान ने फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एफएफआई) को बहुत बल मिला है. ये संगठन लोगों को राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) के बारे में उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने की कोशिश कर रहा है. 'ईटीवी भारत' के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

Major General (retd) Ashim Kohli
मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) आशिम कोहली

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Published : Aug 6, 2022, 3:56 PM IST

Updated : Aug 6, 2022, 4:13 PM IST

नई दिल्ली:अधिकांश लोग इस बात से अनजान हैं कि तिरंगा पूरे वर्ष और 365 दिनों में फहराया जा सकता है. हमारा उद्देश्य अधिक से अधिक भारतीयों को तिरंगा लहराने के लिए प्रेरित करना और इसे गर्व की भावना के साथ लोकप्रिय बनाना है. ये बात फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया के सीईओ मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) आशिम कोहली (Major General (retd) Ashim Kohli) ने 'ईटीवी भारत' से एक विशेष साक्षात्कार में कही.

मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) आशिम कोहली से खास बातचीत

फ्लैग फाउंडेशन की स्थापना 1980 के सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत एक पंजीकृत सोसायटी के रूप में की गई थी. पूर्व सांसद और प्रसिद्ध उद्योगपति नवीन जिंदल ने एक दशक लंबी अदालती लड़ाई जीतने के बाद एक गैर-लाभकारी संस्था जिसने सभी भारतीयों को अपने घरों, कार्यालय और कारखाने में वर्ष के सभी दिनों में राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित करने में सक्षम बनाया.

2004 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि वर्ष के सभी दिनों में प्रत्येक नागरिक द्वारा राष्ट्रीय ध्वज का प्रदर्शन मौलिक अधिकार है. कोहली ने कहा, 'आजादी के बाद हमें एक आम नागरिक के रूप में अपने घर या कार्यालयों में साल के 365 दिन झंडा फहराने का अधिकार नहीं था. इसलिए 1995 से 2004 तक नवीन जिंदल द्वारा लड़ी गई कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 23 जनवरी, 2004 को एक ऐतिहासिक फैसला दिया. शीर्ष कोर्ट के इस फैसले में सभी नागरिकों को यह अधिकार दिया गया कि वे साल के 365 दिन राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकते हैं.'

18 साल से चला रहे अभियान :फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने दो तरह से देश का नेतृत्व करने की पहल की है. सबसे पहले अपने कार्यालय, घर आदि में राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन के संबंध में देशवासियों को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करना. दूसरा, फाउंडेशन लोगों को तिरंगा प्रदर्शित करने का सही तरीका भी सिखाता है. मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) कोहली ने केंद्र की हर घर तिरंगा पहल का जिक्र करते हुए कहा कि 'मैं हर घर तिरंगा पहल के लिए भारत सरकार को बधाई देना चाहता हूं. हम पिछले 18 साल से कोशिश कर रहे हैं कि इस संदेश को हर घर में फैलाएं कि आप हमारे दफ्तर और घरों में तुरंत तिरंगा लगाएं. केंद्र सरकार की पहल के साथ दृष्टिकोण कई गुना हो गया है.'

उन्होंने कहा कि तिरंगा देश की सीमा में तैनात जवानों को कहीं अधिक उत्साह और प्रेरणा देता है. कोहली ने कहा, 'कोई भी सैनिक राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान में मरना चाहता है. दरअसल झंडा राष्ट्र का प्रतीक है इसलिए, अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में हम राष्ट्रीय ध्वज लगाते हैं. यह एक तरह की शपथ है जो हम अपने देश की रक्षा करने और अपने राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करने के लिए लेते हैं. अगर कोई सैनिक किसी भी हालत में शहीद हो जाता है, जब उसका पार्थिव शरीर ले जाया जाता है, तो उस पर एक राष्ट्रीय ध्वज लगाया जाता है.'

फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया देश का पहला संगठन था जिसने कुछ स्मारकीय झंडे लगाना शुरू किया था. कोहली ने कहा, 'अब विभिन्न अन्य संगठनों को भी विश्वास हो रहा है कि यह किया जा सकता है. आजकल कई स्थान स्मारकीय झंडों से युक्त हैं, लेकिन हमारी दृष्टि केवल एक स्मारक ध्वज नहीं है, बल्कि हमारी दृष्टि हर घर तिरंगा है जिसके लिए हम पिछले 18 वर्षों से काम कर रहे थे.'

हाल ही में फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने मसूरी में आईटीबीपी अकादमी में 72 फीट ऊंचा स्मारकीय राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) स्थापित किया. कोहली ने कहा, 'अगले एक हफ्ते में फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया कश्मीर में दो स्मारकीय झंडे और लद्दाख में दो झंडे लगाएगा. कारगिल में भी हम 15 अगस्त को एक स्मारकीय तिरंगा स्थापित करेंगे.'

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Last Updated : Aug 6, 2022, 4:13 PM IST

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